मातमी धुन के साथ निकाली गई ताजिया,जगह जगह बाँटे गए लंगर

राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) उत्तर प्रदेश‌‌। चित्रकूट। मुस्लिम समाज के लोगों ने हजरत इमाम हुसैन की शहादत में मोहर्रम की 9वीं तारीख को मध्य रात्रि में जलते हुए अंगारों में कूदकर मातम मनाया गया और कस्बे के निर्धारित रास्तों से वृहद जुलूस निकाला गया जिसमें दोनों समुदाय के लोगों ने सौहार्दपूर्ण तरीके से भाग लिया मुस्लिम समाज की महिलाओं ने भारी संख्या में शरीक होकर मुस्लिम वर्ग के लोगों ने मोहर्रम की दसवीं तारीख को ताजिया जुलूस में शामिल होकर मातमी धुन के साथ निर्धारित मार्गों से निकाली गई और देर शाम कर्बला में खाक-ए-सुपुर्द किया गया।

तहसील मुख्यालय मऊ में मातमी धुनों के बीच ताजिया निकाले गए। एसडीएम राकेश कुमार पाठक ने पुलिस प्रशासनिक टीम के साथ क्षेत्र भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। शनिवार की शाम 4 बजे ताजिया जुलूस इमाम बाड़े से होते हुए हनुमान मंदिर रोड, यमुना रोड, सरांय तलैया चैराहा, पश्चिम नाका तथा माधवगंज के बाद देर रात इमाम बाड़े में रखकर अंतिम फातिया देकर कब्रिस्तान में बने कर्बले में खाक-ए-सुपुर्द किया गया। नगर पंचायत अध्यक्ष संजीव मिश्रा ने कहा कि कोई मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना दोनों समुदाय के सौहार्द प्रेम सद्भावना का प्रतीक है मोहर्रम की ताजिया जबकि संविधान में हर समुदाय धर्म के लोगों को अपने धर्म के अनुसार त्यौहार मनाने की इजाजत दी गई है हर समुदाय के लोग भाईचारे सौहार्दपूर्ण तरीके से आपसी भेदभाव मिटाकर त्यौहारों में शरीक होते हैं तो समाज के विकास के साथ देश और प्रदेश का विकास संभव हो सकता है मुस्लिम समाज के अध्यक्ष अतहर नईम ने बताया कि इस्लामी मान्यता के अनुसार सन 61हिजरी 680 ईसवी मैं इराक के कर्बला में पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन और कर्बला में इस्लाम के हित में जंग करते हुए हजरत इमाम हुसैन और उनके परिवार के लोग मोहर्रम की दसवीं तारीख में शहीद हुए थे हुसैन की उसी कुर्बानी को याद करते हुए मोहर्रम की दसवीं तारीख को मुसलमान अलग-अलग तरीके से शोक जाहिर करते हैं तभी से मोहर्रम का त्यौहार गमसीन होकर मुस्लिम समाज के लोग बनाते चले आ रहे हैं जुलूस में नाजमा बेगम, नूरी खान, रईस अहमद, मो० अली उर्फ बाबू जी, आबिद अली व साबिद अली तथा मो० रफीक कुरैसी व मो० मेराजुल हक, मजीद कुरैसी के दरवाजों पर वृहद लंगर का आयोजन किया गया और जुलूस की व्यवस्था में ताजियेदार , शाबिर अली मोहम्मद अली के अलावा इस्लाम नईम वसीम कुरैसी, अकबर अली, हैदर अली, मो० अली, रईस अहमद, मो० अली, मदार कुरैसी, लाली खां, मुख्तार अली, मो० महबूब, शमीम कुरैसी, मजीद कुरैसी, लाल मोहम्मद, मो० हारुन आदि लोग ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस में शामिल रहे और सुरक्षा व्यवस्था में , प्रभारी निरीक्षक भास्कर मिश्रा एसआई रामवीर सिंह क्राइम इंस्पेक्टर रामजीत यादव के अलावा भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा तथा तहसील प्रशासन भी नजरें बनाए रहे।