ग्राम पंचायतप पथरोड़ी में लाखों खर्च फिर भी रहे ग्राम पंचायत स्वच्छता अभियान के लक्ष्य से वंचित

उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट-विकासखंड कर्वी के ग्राम पंचायत पथरोड़ी में केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकार की सर्वोच्च प्राथमिक वाले स्वच्छ भारत मिशन कि चित्रकूट में विकासखंड कर्वी के ग्राम पंचायत पथरोड़ी में स्थिति बद से बदतर बनी हुई है इस मिशन के अंतर्गत निर्मित होने वाले व्यक्तिगत शौचालय का ना तो कोई लक्ष्य पूरा हुआ और लाखों खर्च करके विगत 4 वर्षों में बनाए गए शौचालय में 70 फ़ीसदी शौचालय अनुपयोगी पड़े हुये हैं उनका उपयोग गोबर,कंडे और कबाड़ आदि सामग्री रखने के लिए किया जा रहा है वही लोगों का कहना है कि सुविधा शुल्क न देने की वजह से आज हमारे शौचालय अधूरे पड़े हुए है।परिणाम स्वरूप गांव के ग्राम वासी सुबह शाम खुले में सोच कर रहे हैं जिससे गांव के रास्तों के किनारे और मैदानों में मानव मल से इतनी भीषण दुर्गंध उठती है कि लोगों को सांस लेना भी दूभर हो गया है। इन परिस्थितियों में स्वच्छ भारत का सपना कैसे साकार होगा यह एक बड़ा और अहम सवाल है इसका जवाब विकासखंड कर्वी में बैठे अधिकारियों के पास भी नहीं है वहीं एक परिवार को 5 से 10 शौचालय का लाभ देकर ग्राम पंचायत के धन का बंदरबांट तो किया ही गया है।परंतु जरूरतमंद व्यक्तियों के पास ₹2000 की सुविधा शुल्क ग्राम पंचायत अधिकारी को न देने की वजह से आज भी लाभार्थियों को वंचित रखा गया है जिसकी वजह से आज भी संबंधित परिवार खुले में शौच के लिए विवस है कई स्तरों पर शौचालय पर निर्माण की सतत समीक्षा के बाद भी शासन की प्राथमिकता वाले कार्यक्रम की लक्ष्य पूर्ति न होने से विकासखंड कर्वी के अधिकारियों तथा निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायतों के नुमाइंदों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाना स्वभाविक है जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा मैदानी स्तर पर कार्य प्रगति हेतु ठोस प्रयास नहीं किए गए जिससे स्वच्छ भारत मिशन की लक्ष्य पूर्ति संभव नहीं हो सकी वर्षों से अधूरे पड़े शौचालयों का निर्माण कार्य पूर्ण न होने की वजह से महिलाएं सोच के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं इस अभियान का लक्ष्य वीगत एवं सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कर वर्ष 2011 तक खुले में शौच की प्रगति को समाप्त करते हुए गांव को निर्मल और स्वच्छ बनाना था।

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव चित्रकूट