जिलाध्यक्ष ने सरकार से शिक्षक के परिवार को सरकारी नौकरी और दस करोड़ की मांग

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय  (दैनिक कर्म भूमि) कानपुर।मुजफ्फरनगर में सिपाही ने अपनी सरकारी कार्बाइन से शिक्षक को मौत के घाट उतार दिया।इसका असर कानपुर के बेसिक परिषदीय शिक्षकों में भी देखने को मिला।उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र कुमार सिंह ने घटना की निंदा करते हुए मृतक शिक्षक की आत्मा की शांति के लिए शोक और विरोध जताया,उनका कहना है कि ऐसे सनकी पुलिसकर्मी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।जिलाध्यक्ष ने कहा कि पुलिस का व्यक्ति शिक्षकों की सुरक्षा के लिए जाता है। यदि रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे तो काम कैसे होगा।ऐसे अपराधी को बचाना नहीं चाहिए।जिलाध्यक्ष ने सरकार माँग करते हुए मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और पीड़ित परिवार को 10 करोड़ रुपए देने की मांग की हैं।बताते चले कि चंदौली जिले के रामगढ़ के बैराठ निवासी धर्मेंद्र शिक्षक थे।वें वाराणसी से कॉपी लेकर संतोष कुमार के साथ चले थे। उनके साथ इंस्पेक्टर नागेंद्र चौहान,सिपाही चंद्र प्रकाश व अन्य दो कर्मचारी जितेंद्र मौर्य और कृष्ण प्रताप थे।उन्होंने प्रयागराज,शाहजहांपुर,पीलीभीत,मुरादाबाद और बिजनौर में कॉपियां उतार कर मुजफ्फरनगर पहुंचे थे तभी सिपाही तंबाकू मांगने लगा।जिस वजह से सिपाही और शिक्षक में बहस हो गई। तभी सिपाही ने सरकारी कार्बाइन से धर्मेन्द्र को गोली मार दी।

संवाददाता आकाश चौधरी कानपुर