होमियोपैथिक चिकित्सा विकास महासंघ ने मनाया डॉ हैनीमैन का निर्वाण दिवस*

होम्योपैथिक चिकित्सा विकास महासंघ द्वारा होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक डॉक्टर हैनिमैन का निर्वाण दिवस 2 जुलाई को होमियोपैथिक चिकित्सक दिवस के रूप में होम्योपैथिक चिकित्सा महासंघ के जिला अध्यक्ष डॉ रविकांत त्रिपाठी के आवास पर मनाया गया कार्यक्रम की शुरुआत महात्मा हैनिमैन के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर प्रारंभ किया गया इस अवसर पर डॉक्टर रविकांत त्रिपाठी ने अपने विचार प्रस्तुत कर लोगों को होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के प्रति जागरुक करते हुए पर्यावरण होम्योपैथी के संबंध को बताते हुए प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूक किया उन्होंने बताया कि प्रकृति में उपस्थित सभी वस्तुएं चाहे वह वनस्पति हो या खनिज वह सभी अपने अंदर औषधीय गुण लिए हुए हैं ,सभी का संरक्षण ही हमें स्वस्थ जीवन प्रदान कर सकता है। स्वस्थ मनुष्य के अंदर ही स्वस्थ मस्तिष्क होता है,प्रकृति से दूरी तमाम प्रकार के रोगों को निमंत्रण देता है अतः हमें सर्वप्रथम प्रकृति की रक्षा के लिए कटिबद्ध होना पड़ेगा इस अवसर पर डॉक्टर हैनिमैन को याद करते हुए उनके द्वारा रचित पुस्तक ऑर्गेनान ऑफ मेडिसिन के प्रारंभिक सूत्र का वर्णन करते हुए बताया कि,एक चिकित्सक का लक्ष्य क्या होना चाहिए बीमार को सही करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए सभी का विस्तृत रूप से उन्होंने वर्णन किया अपने वक्तव्य के अंत में डॉक्टर हैनिमैन के अंतिम वाक्य को दोहराते हुए कहा कि डॉक्टर साहब ने मृत्यु के पूर्व कहा था , कि मैं व्यर्थ नहीं जीया अतः इस वाक्य पर गौर करते हुए कहते हैं कि वास्तव में जीवन में कुछ ऐसा करने का निश्चय कर लेना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी यह वाक्य कहे कि वास्तव में हमने अपना जीवन व्यर्थ नहीं किया इस अवसर पर डॉक्टर त्रिपाठी ने अपने क्लीनिक पर नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर लोगों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया अंत में उपस्थित सभी लोगों को जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण करने लिए जागरूक किया, तदोत्परांत कार्यक्रम के समापन की घोषणा की गई कार्यक्रम में संजय, संतोष , सुशील कुमार मौर्य,दीपक, श्याम सुंदर आदि लोग उपस्थित रहे।

रिपोर्ट पवन चौरसिया  अयोध्या मण्डल ब्यूरो,