कोऑपरेटिव के सचिव का मनमाना रवैया: किसानों को खाद के लिए भटकना पड़ा, नगद बिक्री पर जोर

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट। जिले के घुरेटनपुर कोऑपरेटिव का सचिव किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर रहा है। कोऑपरेटिव में खाद की आपूर्ति के लिए जुड़े किसानों को आज नगद बिक्री और सचिव की मनमानी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। किसानों ने सचिव पर नगद बिक्री के जरिए अधिक लाभ कमाने और उच्च अधिकारियों को खुश करने का आरोप लगाया है।किसानों का कहना है कि कोऑपरेटिव से जुड़ने का उद्देश्य यह था कि उन्हें आसानी से उनके खातों के माध्यम से उर्वरक खाद उपलब्ध होगा। लेकिन सचिव ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए उर्वरक खाद को नगद बेचने को प्राथमिकता दी। इस रवैये से 25 से अधिक गांवों के किसान परेशान हैं और खेत बोने के लिए खाद खरीदने दर-दर भटकने को मजबूर हैं।किसानों ने आरोप लगाया कि सचिव अधिक कीमत वसूलकर नगद बिक्री करता है और अतिरिक्त कमाई से उच्च अधिकारियों को खुश करता है। इससे कोऑपरेटिव के सदस्यों को खाद नहीं मिल पाता और वे बिचौलियों से अधिक दाम पर खरीदने को मजबूर हो जाते हैं।किसानों ने सवाल उठाया है कि आखिर योगी सरकार में किसानों के साथ यह छलावा कब तक चलता रहेगा। कोऑपरेटिव सचिव की मनमानी पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? किसान चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द हस्तक्षेप करे और कोऑपरेटिव में खाद वितरण की व्यवस्था में सुधार लाए।कोऑपरेटिव के सदस्यों का कहना है कि सचिव द्वारा नगद बिक्री से केवल पैसे वालों को लाभ मिल रहा है, जबकि सदस्य किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ता है। यह स्थिति उन किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है, जिन्होंने अपनी मेहनत की फसल बोने के लिए खाद की आस लगाई थी।किसानों ने जिला प्रशासन और सरकार से मांग की है कि कोऑपरेटिव के सचिव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और कोऑपरेटिव सदस्यों के खातों से खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो किसान बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे।

पत्रकार ठाकुर पंकज सिंह राणा चित्रकूट