मेले में खतरनाक झूले का खेल: नियमों को ताक पर रखकर लगाया गया मानकविहीन झूला

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) भरतकूप,चित्रकूट।भरतकूप मेले में झूलों की गूंज के बीच एक खतरनाक सच छिपा हुआ है। नियमों को दरकिनार कर लगाए गए मानकविहीन झूलों से लोगों की जान खतरे में है। जिला प्रशासन के सख्त आदेशों के बावजूद अवैध झूलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।मेले में लगाए गए झूले सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करते। भारी भीड़ के बीच ये झूले कभी भी बड़ी दुर्घटना को दावत दे सकते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि मेले में पहले भी गंभीर हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।प्रशासन की उदासीनता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अधिकारियों के पास अवैध झूलों की जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई न होने से जनता में आक्रोश है। यह स्थिति तब है, जब प्रशासन ने झूले संचालकों को पहले ही नियमों का पालन करने का निर्देश दिया था।चित्रकूट जिले में इससे पहले भी ऐसे झूलों के कारण हादसे हो चुके हैं। बावजूद इसके, अवैध झूलों को हटाने या उनके संचालन पर रोक लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा।झूला संचालकों को राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों का पालन करना आवश्यक है। इसमें झूले की नियमित जांच, तकनीकी विशेषज्ञ द्वारा प्रमाण और लाइसेंस शामिल हैं। लेकिन मेले में इन नियमों को खुलेआम अनदेखा किया जा रहा है।जिला प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठते हुए लोग पूछ रहे हैं कि क्या प्रशासन बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है? क्या आम जनता की सुरक्षा के प्रति उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं है?स्थानीय नागरिकों और समाजसेवियों ने प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप करने और अवैध झूलों पर रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि किसी बड़ी दुर्घटना से पहले ठोस कार्रवाई होनी चाहिए।

रिपोर्टर ठाकुर पंकजसिंह राणा चित्रकूट