अविमुक्तेश्वरानंद को दण्ड-कमण्डल छोड़ नेतागिरी करना चाहिए: सुबोध चौबे

उत्तर प्रदेश (राष्ट्रीय दैनिक कर्म भूमि )मौनी अमावस्या को महाकुंभ में मचे भगदड़ पर उत्तराखंड की ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दुर्भावनावश इस्तीफा मांग लिया था जिसे लेकर संत समाज से लेकर आम जनमानस तक उनकी आलोचना कर रहे हैं। आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ सिर्फ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ही नहीं, गोरक्षपीठ के मुख्य महंत हैं, इतना ही नहीं नाथ संप्रदाय के मुखिया भी हैं जिनके अनुयाई पूरे विश्व में हैं। योगी आदित्यनाथ हिंदू समाज के लिए कार्य करने वाली संस्था विश्व हिंदू महासंघ के संरक्षक हैं, विश्व हिंदू महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष भिखारी प्रजापति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिना नाम लिए अविमुक्तेश्वरानंद को खरी खोटी सुनाया था। पुरी के शंकराचार्य समेत पूरे देश से संत समाज इनके खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, गोरक्षा के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय पाण्डेय, प्रदेश महामंत्री मनोज प्रजापति, प्रदेश मीडिया प्रभारी दीपक त्रिपाठी, प्रदेश मंत्री प्रमोद गिरि आदि द्वारा भी इनका निंदा किया गया है। अब आज 02/02/2025 को विश्व हिंदू महासंघ प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुबोध चौबे ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि अविमुक्तेश्वरानंद सनातन के स्वयंभू के रूप में अवैध रूप से शंकराचार्य की गद्दी पर बैठकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं नाथ संप्रदाय के मुखिया गोरक्षपीठाधीश्वर योगी जी महाराज के खिलाफ प्रोपोगेंडा कर रहे हैं जो कि बेहद शर्मनाक एवं निंदनीय है, उन्होंने कहा कि भारत का जनमानस ऐसे कृत्यों का कड़े शब्दों में निंदा करता है और अविमुक्तेश्वरानंद को संत मानने से इनकार करता है। धर्म की गद्दी पर बैठा व्यक्ति इस तरह की टिप्पणी करता है तो यह इस देश का दुर्भाग्य है। सुबोध चौबे ने कहा कि जिस प्रकार अध्यात्म से ज्यादा राजनीति हावी है अविमुक्तेश्वरानंद को दण्ड-कमण्डल छोड़ नेतागिरी करना चाहिए।

 

रिपोर्ट नेशनल हेड राजेश कुमार मौर्य सोनभद्र उत्तर प्रदेश

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