असंवैधानिक रूप से शंकराचार्य बनें फर्जी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को बर्खास्त करे संत समाज: प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानेंद्र त्यागी

उत्तर प्रदेश (राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि) मौनीअमावस्या को महाकुंभ में मचे भगदड़ पर उत्तराखंड की ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दुर्भावनावश इस्तीफा मांग लिया था जिसे लेकर संत समाज से लेकर आम जनमानस तक उनकी आलोचना कर रहे हैं। आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ सिर्फ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ही नहीं, गोरक्षपीठ के मुख्य महंत हैं, इतना ही नहीं नाथ संप्रदाय के मुखिया भी हैं जिनके अनुयाई पूरे विश्व में हैं। योगी आदित्यनाथ हिंदू समाज के लिए कार्य करने वाली संस्था विश्व हिंदू महासंघ के संरक्षक हैं, विश्व हिंदू महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष भिखारी प्रजापति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिना नाम लिए अविमुक्तेश्वरानंद को खरी खोटी सुनाया था। पुरी के शंकराचार्य समेत पूरे देश से संत समाज इनके खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, गोरक्षा के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय पाण्डेय, प्रदेश महामंत्री मनोज प्रजापति, प्रदेश मीडिया प्रभारी दीपक त्रिपाठी आदि द्वारा भी इनका कड़े शब्दों में निंदा किया गया है। आज 02/02/2025 को अपने कार्यालय ए 23, जैना टॉवर RDC राजनगर, गाजियाबाद पर एक बैठक बुलाकर विश्व हिंदू महासंघ गोरक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं हस्तिनापुर संभाग प्रभारी ज्ञानेंद्र त्यागी ने अविमुक्तेश्वरानंद के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया, उन्होंने कहा कि मैं संत समाज से अपील करता हूं कि असंवैधानिक रूप से शंकराचार्य बनें फर्जी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को बर्खास्त करे संत समाज। उन्होंने कहा कि भारत में ऐसे किसी सनातन विरोधियों के एजेंट को संत के रूप में देखना भी पाप है। उक्त अवसर पर प्रदेश मंत्री राहुल प्रधान, जिला प्रभारी मोहित बैसला, जिलाध्यक्ष गंगासागर ओझा, जिला महामंत्री शिवा वैद्य और चौधरी ज्ञानेंद्र सिंह, लोकेश जाटव, दीपक त्यागी आदि उपस्थित रहें।

 

रिपोर्ट प्रदेश हेड राजेंद्र पांडे गाजियाबाद उत्तर प्रदेश

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