भारतीय नागरिक गए 21 दिन के एकांतवास में महेंद्र पाल(संयोजक राष्ट्रीयगूंज) भारतीय नागरिक जागरूक

उत्तर प्रदेश ( दैनिक कर्मभूमि)जौनपुर

भारतीय नागरिक जागरूक है, समझदार है, लेकिन कुछ हद तक लापरवाह है, कुछ लोगो की लापरवाही पूरे भारत को कोरोना नामक जैविक शत्रु से परास्त कर रहा है

अभी उत्तरप्रदेश से खबर लगी है कि कोई विदेश से आया और अपने गृह में छिपा बैठा है, सरकार को जब इस व्यक्ति के बारे में पता चला तो वे उसे क्वार्टईं करने एवं उसकी वैधकीय जांच के लिए लेने गए, तो उसे घरवालों ने छुपा लिया, ऐसे में एक जागरूक भारतीय नागरिक की तरह पूरे गांव को उस व्यक्ति के पूरे परिवार से दूरी बना लेनी चाहिए, और उस परिवार का सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए, जिससे वह परिवार अपना सामाजिक दायित्व समझ उस व्यक्ति को प्रशाशन के हवाले कर, जिससे कि पूरे गांव, जिले,प्रदेश देश का बचाव हो
अगर हर व्यक्ति इस तरह का कठोर कदम उठाए तो यह बीमारी जल्द से जल्द भारत छोड़ भाग जाएगा
बहुत से संस्था, समाजसेवक योग्य तरीके से सरकार के सुझावो का पालन करते हुए लोगो को जागरूक कर रहे है, उन्हें यथाशक्ति मास्क एवं सांईटीज़र वितरित कर रहे है, कुछ तो जरूरतमंदों को राशन भी उपलब्ध करा रहे है, जो बहुत ही सरहानीय है
सरकार भी हर भारतीय तक जीवनुपयोगी साहित्य पहुँचाने में कोई कसर नही छोड़ रही है, जरूरत है सिर्फ सभी को थोड़ा धीरज, संयम बरतने की साथ ही हर सरकारी सुझाव का पालन करने की, बहुत जल्द ये 21 दिन का एकांतवास समाप्त हो जाएगा
लेकिन अगर भारतीय नागरिक इस एकांतवास को हल्के में लेंगे तो सरकार चाहे जितनी भी कोशिश करे यह एकांतवास समाप्त नही होगा, समाप्त होंगे तो सिर्फ इंसान और हमसब अपने चारों तरफ सिर्फ और सिर्फ अपनो की लाशें देखनेंगे, जिनका अंतिम संस्कार कर पाना भी नामुमकिन होगा
तो हर भारतीय को स्वतः विचार करना होगा, तय करना होगा 21 दिन का एकांतवास या सिर्फ लाश ही लाश

रिपोर्ट ‌अभिषेक शुक्ला