राजस्थान (दैनिक कर्मभूमि) छबड़ा,प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय,माउंट आबू की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी के देह त्याग की सूचना पर स्थानीय छबड़ा केंद्र के राजयोग मेडिटेशन से जुड़े बी.के.शंकर लाल नागर नें घर पर ही दादी जानकी के चित्र के आगे दीप जला श्रद्धा सुमन अर्पित किये।सभी को विदित है ब्रह्माकुमारीज का अभियान संसार भर में मानवता के कल्याण में संलग्न है और दादी जानकी इसकी हेड थी।दादी के देह त्याग पर सम्पूर्ण विश्व से लोग उनके दर्शनों के लिए आते परन्तु विश्व्यापी कोरोना-19 महामारी से बीके भारत नही आ सकते न ही भारत के लोग माउंट आबू जा सकते ऐसे समय घर से दादी को याद कर मोंन रह श्रद्धा सुमन प्रकट करे।माउंट आबू से बीके मूलचंद भाई नें दादी के देह त्याग की सूचना आज प्रातः5 बजे फोन से दी गयीं थीं।मूलचंद भाई जो आबू में दादी से मिलते रहते थे उन्होंने दादी की इच्छा का व्रतांत सुना कर कहा कि अक्षर दादी शिव बाबा से प्रार्थना कर कहती थी *”बाबा मुझे ऐसे समय बुलाना जब लोग चाह कर भी आबू नही आ सकें क्योकिं जब मेरे जाने की बात सुनेगें तो सम्पूर्ण विश्व मे स्थित देशों के बीके भाई-बहिन आयेंगे उनके आने-जाने से करोड़ो रूपये व्यर्थ होगें देह तो नश्वर है आत्मा अमर है बाबा मेरी देह त्याग पर कोई खर्चा ना हो ऐसे समय मुझे बुलाना,बाबा नें उनकी अंतिम इच्छा पूरी कर दी दादी पिछली 22 तारीख से मोंन थी सभी प्रार्थना कर रहे थें दादी कुछ दिन ओर रुको आपके दर्शन के लिए लोग नही आ सकते परन्तु दादी का तो शिव भोला नाथ से वादा हो गया था जाना निश्चित हो गया था सारे ग्रह,नक्षत्र,तिथि,वार,दिन तह वो चुके थे दादी की पवित्र-पवन आत्मा मुस्कराते हुए शिव ज्योति में मिल गयीं।दादी हम सब के लिए विश्व शांति का अभियान छोड़ गयीं जिसे पूरा करना हम सब की जिम्मेदारी है। आप सर्व आत्माओं को ज्ञात हो कि ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिका,हम सबकी प्यारी, अति लाडली,बाबा की राज दुलारी,104 वर्षीय दादी जानकी जी ने 27 मार्च की रात 2.00 बजे अपना पुराना देहत्याग कर अव्यक्तारोहण किया। दादीजी ने हम सभी ब्रह्मा वत्सों को इतना अनंत स्नेह और प्यार दिया है जिसे हम शायद ही अपने शब्दों में बयां कर पाएं…आज हम सारा दिन मन और मुख के मौन में रह प्यारी दादीजी को अपनी स्नेह भरी श्रद्धांजलि दें।
रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद
You must be logged in to post a comment.