उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा संकट में घिरते जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्मंत्रत्री योगी आदित्यनाथ पर विवादित टिप्पणी मामले में अब उनके खिलाफ दूसरी एफआईआर दर्ज हुई है. बीजेपी नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) ने आप विधायक के खिलाफ अब गाजियाबाद के कविनगर थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया है. बता दें इससे पहले दिल्ली के राजेंद्र नगर से विधायक राघव चड्ढा के खिलाफ नोएडा में वकील प्रशांत पटेल उमराव ने केस दर्ज कराया है.
दरअसल, आप नेता राघव चड्ढा ने शनिवार को ट्वीटर पर लिखा, “सूत्रों के मुताबिक़ योगी जी दिल्ली से UP जाने वाले लोगों को दौड़ा-दौड़ा के पिटवा रहे हैं. योगी जी बोल रहे हैं कि तुम क्यों दिल्ली गए थे. अब तुम लोगों को कभी दिल्ली जाने नहीं दिया जाएगा. मेरी यूपी सरकार से अपील है ऐसा न करें, इस मुश्किल की घड़ी में लोगों की समस्याओं को बढ़ाइए मत”.
प्राथमिकी में कहा गया है कि राघव चड्डा (जो दिल्ली विधानसभा के सदस्य हैं) ने उत्तर प्रदेश पुलिस और मुख्यमंत्री जी को बदनाम करने के लिए, जनता को उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ भड़काने, क्षेत्रीय आधार पर नफरत और घृणा फैलाने तथा हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया- “सूत्रों के मुताबिक योगी जी दिल्ली से UP जाने वाले लोगों को दौड़ा दौड़ा के पिटवा रहे हैं”. राघव चड्डा यहीं नहीं रुके बल्कि मुख्यमंत्री जी को बदनाम करने के लिए यह भी लिखा है कि योगी जी ने आम जनता से कहा कि “तुम क्यों दिल्ली गए थे, अब तुम लोगों को कभी दिल्ली जाने नहीं दिया जाएगा” .
एफआईआर के मुताबिक देश इस समय कोरोना की महामारी से परेशान है और पूरे देश में तीन सप्ताह का लॉकडाउन है लेकिन चड्ढा ने जानबूझकर झूठ बोलकर गरीब मजदूरों को उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया है. राघव चड्ढा के इसी ट्वीट के बाद गरीब मजदूर भयभीत हो गए और अफरा तफरी मच गई. श्री चड्ढा ने सफेद झूठ के सहारे संवैधानिक रूप से चुनी गई सरकार के खिलाफ जानबूझकर नफरत और घृणा फैलाया है जो भारतीय दंड संहिता की धारा 124A के अंतर्गत एक गंभीर अपराध है.
अश्विनी उपाध्याय की तहरीर के मुताबिक राघव चड्ढा ने जानबूझकर सफेद झूठ बोलकर क्षेत्र और वर्ग के आधार पर समाज में नफरत घृणा और आपसी दुश्मनी फैलाने का प्रयास किया है जो भारतीय दंड संहिता की धारा 153A के अंतर्गत एक अपराध है. योगी आदित्यनाथ जी हिंदुओं के धर्मगुरु है और विश्व प्रसिद्ध गोरखपीठ के महंत है. करोड़ो लोग नाथ संप्रदाय से जुड़े हुए हैं और योगी जी को अपना गुरु मानते हैं इसीलिए श्री राघव चड्ढा ने जानबूझकर झूठ बोलकर केवल योगी आदित्यनाथ जी को ही बदनाम नहीं किया है बल्कि करोड़ों हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का भी अपमान किया है जो भारतीय दंड संहिता की धारा 295A के अंतर्गत अपराध है.,
उपाध्याय के मुताबिक राघव चड्ढा ने जानबूझकर झूठ बोलकर उत्तर प्रदेश पुलिस को ही नहीं बल्कि माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी को भी बदनाम किया है जो भारतीय दंड संहिता की धारा 499-500 के अंतर्गत एक अपराध है. राघव चड्ढा ने जानबूझकर झूठ बोलकर क्षेत्र के आधार पर दो वर्गों के बीच नफरत और घृणा फैलाया है जो भारतीय दंड संहिता की धारा 505(2) के अंतर्गत अपराध है. उपरोक्त तथ्यों को ध्यान रखते गए राघव चड्ढा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, इनफार्मेशन टेक्टनोलॉजी कानून और अन्य कानूनों के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करें. उपाध्याय की तरहीर पर पुलिस ने राघव चड्ढा के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है.
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