कोरोना से जंग जीत जाएँगे अगर देशवासी साथ निभाएंगे

उत्तर प्रदेश ( दैनिक कर्मभूमि) जौनपुर

डॉ नीलेश पासी (यम बी बी यस)- सचिव राष्ट्रीय गूंज यन जी ओ

जी हाँ, कोरोना से लड़ाई में हम तभी जीत सकते हैं जब हमें जनता का साथ मिले।
मैं जिस वक्त यह लेख लिख रहा हूँ इस वक्त मरीज़ों की संख्या 2000 से ज्यादा है, रिकवर हो चुके की संख्या 170 से ज्यादा है व मरनेवालों की संख्या 50 से ज्यादा है

नए मरीजों के आकड़ो से यह बात साफ़ हो रही है कि कहीं न कहीं लोग इसमें ढिलाई बरत रहे हैं अपने घरों में रहने के बजाय लोगों से मिलना जुलना, भीड़ में आना जाना जारी है जिससे इसका संक्रमण फैला रहा है ।

कुछ लोग लक्षण होने के बावजूद भी सरकारी अस्पतालों में जाने के बजाय सोसल मीडिया व यू ट्यूब पर दिए गए नुस्खे का प्रयोग करके स्वयं डॉक्टर बन रहे हैं जिससे बीमारी ठीक होने के बजाय और बढ़ रही है साथ ही साथ परिवार जनों में भी फैल रही है ।

इस तरह न तो आप डॉक्टर्स और ना ही सरकार की मदद कर रहे है,
हाल ही कि घटनाओं पर नज़र डाला जाए तो पाएंगे कि इंदौर में सैम्पल लेने गए स्वास्थ्य कर्मचारियों-आशा वर्कर पर लोग थूक रहे हैं और मार भी रहे हैं ।
ऐसी ही घटना यूपी में भी सामने आई है जहाँ लोगों ने डॉक्टरों पर थूका, पत्थर फेंके और दुर्व्यवहार किया ।
तेलंगाना की घटना भी दुखदाई है जहाँ परिजन डॉक्टर्स की पिटाई कर रहे हैं ।
सबको यह समझना होगा कि डॉक्टर्स अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं उन्हें सहयोग करें न कि उनपर थूंके या मारे ।

कुछ जगहों पर तो लोग डॉक्टर्स सरकार व पुलिस के मना करने के बावजूद भी थूक रहे हैं, रास्तो पर थूक रहे हैं इससे क्या हासिल होगा ? क्या हम कोरोना से जंग ऐसे लड़ेंगे ?

याद रखिए यदि आप सहयोग नही करेंगे तो देश हार जाएगा और कोरोना जीत जाएगा,

डॉक्टर्स/HCW/PM/CM/Police/अन्य जो इससे लड़ने में 24×7 लगें हैं उनकी मेहनत बर्बाद हो जाएगी।

डॉक्टर्स सुविधाओं के अभाव में भी काम कर रहे हैं, डॉक्टर्स व स्वास्थ्य कर्मचारी भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे है फिर भी देश व देश की जनता को बचाने के लिए व 24×7 काम कर रहे हैं ।

यदि डॉक्टर्स-नर्स अपनी जान जोख़िम में डाल कर रहे हैं तो आप उन्हें सहयोग क्यों नही कर सकते ?

ताली थाली तो आपने सम्मान में बजाई पर असल सहयोग नहीं दे रहें हैं बल्कि उनपर थूक रहे हैं हमला कर रहे हैं जो कि निंदनीय है ।

आप सभी समझने की कोशिश कीजिए कि 1 मार्च को कोरोना के मरीज 3 थें औए 1 अप्रैल को 2000 से ज़्यादा अतः बीमारी की गंभीरता को समझिए, अब इस बीमारी का संक्रमण बढ़ रहा है हर मिनट केस मिल रहे हैं।

मैं उन डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारियों को सलाम करता हूँ जो अपने परिवार से दूर भी रह रहे हैं और सुविधाओं के अभाव में भी जान जोख़िम में डालकर मरीज़ों को बचाने में लगे हैं ।
सभी राज्य सरकारों से निवेदन है कि कृपया डॉक्टरों को PPE व अन्य जरूरी उपकरण मुहैया कराएँ जिससे कि इस बीमारी से लड़ने में आसानी हो सके और देश जीत जाए बीमारी हार जाए ।

उन डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारियों जो एक योद्धा की तरह लड़ रहें हैं उनके लिए दो लाइनें कहना चाहता हूँ ,

योद्धा घायल हो गए तो
रणभूमि में लड़ेगा कौन ?

सैनिकों को मरता देख
क्या राजा बैठेगा मौन ?

तलवारे हैं टूट गई
भाला का है नही पता,
रणभूमि में उतर आए
क्या है उनकी कोई ख़ता?

युद्ध अनेको आसानी
से जीते जाएंगे,
फिर रणभूमि में यदि
योद्धा लौटकर आएँगे

योद्धा-Drs/HCW
राजा-PM/CM

और जनता को मैं यह कहना चाहूँगा की अपने घरों में रहें यदि आपको
बुखार-सर्दी-सूखी खाँसी-जुलाब-साँस लेने में तकलीफ हो तो केवल सरकारी अस्पताल में ही जाएँ , घबराएँ नहीं ।
डॉक्टर्स व अस्पताल आपके मदद के लिए है खुले हैं आप उनका काम आसान कीजिए ।

जरा सी भी लापरवाही आपको और देश में संकट में डाल सकती है, बीमारी को फैलाने नहीं बल्कि रोकने में डॉक्टर्स व सरकार की मदद करें ।

ब्यूरो रिपोर्ट ‌अभिषेक शुक्ला जौनपुर