उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) जौनपुर
जौनपुर के भदेठी गांव में बीते दिनों में जो कुछ भी हुआ यह गंगा जमुनी तहजीब पर सीधा सा प्रहार है मामूली से बकरी चराने की बात को लेकर लोग आपस में लड़ पड़े फिर कुछ शरारती तत्वों द्वारा गांव के माहौल को साम्प्रदायिकता से जोड़ दिया गया व घरों में आग लगा दी गई हालांकि अभी तक ये तय करना संभव नहीं हो पाया की आग किसने लगाई सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है अपने घरों ने खुद आग लगा कर निर्दोषों को फंसाया गया फिलहाल ये जांच का विषय है सबसे बड़ा प्रश्न इस कांड में गिरफ्तारी को लेकर है एक ही पक्ष के लोगो को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया तथा भारतीय जनता पार्टी ने इसे सांप्रदायिक रंग देने के खूब प्रयास किए उन पर रासुका और गंगेस्टर की धाराएं लगाई गई जिन पर आज तक एक भी मुकदमा किसी भी प्रकरण को लेकर दर्ज नहीं हुआ सरकार के इस रवैए से एक पक्ष से जुड़े लोगों भारी रोष है वो चाहते है कि निर्दोषों को छोड़ा जाए तथा दोषियों पर कार्यवाही हो। समाजवादी पार्टी के नेता जावेद सिद्दीकी और उनके भाईयो बिना किसी कारण गिरफ्तार कर लिए गया लोगो में अपनी अलग पहचान और अपनी ईमानदारी और रहमदिली से जनपद के हर एक व्यक्ति के दिल में अपनी जगह बनाने वाले को राजनीतिक द्वेष के कारण फंसाया गया जबकि उनका इस प्रकरण से दूर दूर तक लेना देना नहीं है जनपद के किसी भी व्यक्ति को यह विश्वास बिल्कुल नहीं है कि जावेद सिद्दीकी जो गरीबों के मसीहा है जावेद जी ने अपने निजी पैसे से बेसो नदी पर दो पुलो का निर्माण कराया है तथा अपने गांव में कितने ही शोषितो और वंचितों के लिए घर तथा उनकी आर्थिक रूप से सहायता की है गांव को शहर से जोड़ने वाले मार्ग को अपने पैसे से मरम्मत करते रहते है।। ऐसे समाजसेवी को राजनैतिक द्वेष के कारण फंसाया गया है। सरकार ये सुन ले की सत्य परेशान हो सकता है पराजित कभी नहीं।। दोषियों पर कार्यवाही हो निर्दोषों को छोड़ा जाए।।दंगे फसाद घर जलाने इस प्रकार के किसी भी कुकृत्य का मै समर्थन नहीं करता ऐसा जिस किसी ने भी किया है जांच के पश्चात उसपर कड़ी कार्यवाही के हो। लेकिन एक पक्षीय कार्यवाही होने पर लोगो में भय की भावना है।
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