उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) अयोध्या जैसा आप सभी किसान बंधुओं को विदित है की टिड्डी दल के अयोध्या शहर तक पहुँचने की सूचना प्राप्त हुई है। आस पास के अन्य जनपदों सहित अयोध्या जिले मे भी टिड्डी के संभावित प्रकोप का खतरा है तथा इस संबंध मे सभी कृषकों से निवेदन है की वे इस परिस्थिति पर पैनी निगाह बनाए रखें तथा अपने फसलों की सुरक्षा हेतु तत्पर रहें। टिड्डी दल रात के समय विश्राम करने के लिए जहां आश्रय लें उस जगह को चिन्हित कर इसकी त्वरित सूचना कृषि विभाग को प्रेषित करें ताकि उनका समय रहते नियंत्रण संभव हो सके। नियंत्रण हेतु कीटनाशकों का प्रयोग रात से ले कर सुबह इनके पलायन करने तक किया जा सकता है। टिड्डी प्रबंधन हेतु कुछ सुझाव
टिड्डी दल को खेत मे न बैठने दें। तथा उन्हे भागने के लिए तीव्र अथवा तेज आवाज (100-150 डैसिबल) उत्पन्न करने हेतु ढ़ोल, नगाड़े, खाली डब्बे, पटाखे, लाउड स्पीकर अथवा अन्य तेज ध्वनि उत्पन्न करने वाले संसाधनों का उपयोग करें। प्रकोप होने की अवस्था मे खेतों मे अलाव / आग जलाने तथा पटाखों का उपयोग भी लाभकारी सिद्ध होगा। नीम आधारित कीटनाशकों (0.15 %) का 3 मिलिलीटर प्रति लिटर पानी का घोल फसलों को बेस्वाद अथवा टिड्डियों हेतु अरुचिकर बना देगा तथा आपकी फसलें बचाने मे सहायक होगा। खड़ी फसल पर डी डी वी पी 76 ई सी @ 10 मिलिलीटर / 15 लिटर का नीम आधारित कीटनाशकों के साथ व्यवहार करने से फूदकों तथा वयस्क टिड्डियों पर त्वरित नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है।
क्लोरपाइरीफौस 20% ई सी @ 2.4 मिलिलीटर प्रति लिटर
क्लोरपाइरीफौस 50% ई सी @ 1.0 मिलिलीटर प्रति लिटर
डेल्टामेथ्रिन 2.8 % ई सी @ 1.0 मिलिलीटर प्रति लिटर
फिप्रोनिल 5% एस सी @ 0.25 मिलिलीटर प्रति लिटर
फिप्रोनिल 2.92% ई सी @ 0.45 मिलिलीटर प्रति लिटर
लैंबड़ा साइहेलोथ्रिन 5% ई सी @ 1.0 मिलिलीटर प्रति लिटर
लैंबड़ा साइहेलोथ्रिन 10% डब्लू पी @ 0.5 ग्राम प्रति लिटर
मैलाथिओन 50% ई सी @ 3.7 मिलिलीटर प्रति लिटर
डाइफ्लूबेञ्ज़ुरौन 25% डब्लू पी @ 240 ग्राम प्रति हेक्टेयर
उपरोक्त मे से किसी एक संस्तुत कृषि रासायनों का निर्धारित मात्रा मे उपयोग कर टिड्डी दल की रोकथाम की जा सकती है।
टिड्डियाँ जहां आश्रय लेती हैं वहीं जमीन मे अपने अंडे दे देतीं हैं। ऐसी अवस्था मे खाली खेतों मे क्यूनालफौस 1.5% डी पी अथवा क्लोरपाइरीफौस 1.5% डी पी @ 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से खेत मे डाल कर खेत की जुताई करने से अंडों तथा निकालने वाले अर्भक/ डिंभक का नाश किया जा सकता है। अगर अंडे फूटकर उनसे इल्लीयां निकलती दिखाई दें तो जैव कीटनाशी मेटाराइजियम एनिसोप्लि प्रजाति एक्रिडियम का 75 ग्राम प्रति 15 लिटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।
रिपोर्टर पवन कुमार चौरसिया
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