गांव से लेकर राजधानी तक लगाई दौड़ फिर भी नहीं हुई कोर्ट के आदेश की पालना

राजस्थान (दैनिक कर्मभूमि) बारां छीपाबड़ौद उपखंड एवं तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत एवं उप तहसील मुख्यालय हरनावदाशाहजी के एक युवक के साथ हुआ ऐसा कि उसने अपनी आपबीती सुनाई जानकारी देते हुए बताया गया है कि दौड़ के लिए दौड़ रहा है अभ्यार्थी गांव से लेकर राजधानी तक दौड़ा फिर भी नहीं हुई कोर्ट के आदेशों की पालना कोर्ट के आदेशों की पालना कराने के लिए 18 महीने से दौड़ रहा है अभ्यार्थी कस्बा निवासी घनश्याम लववंशी ने बताया कि मेरा चयन पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती 2018 की लिखित परीक्षा में हुआ जिसके बाद मुझे शारीरिक दक्षता के लिए 6 सितंबर दो हजार अट्ठारह को प्रातः 6:00 बजे महाराव उम्मेद सिंह स्टेडियम नयापुरा कोटा बुलाया गया। लेकिन लगातार बारिश होने के कारण पुलिस उच्च अधिकारी 6 सितंबर को मैदान में कीचड़ होने के चलते दौड़ नहीं करवा सके इसके बाद 8 सितंबर को शाम को एसएमएस द्वारा दौड़ की सूचना दी गई और 9 सितंबर 2018 को बारिश के दौरान कीचड़ में अन्य कई अभ्यार्थियों की दौड़ करवा दी गई जो कि फॉरमल्टी को दर्शा रही थी इस दौरान मुझे दौड़ में फेल कर दिया गया जबकि शारीरिक दक्षता व माप तोल में मैं पास मान लिया गया। दोबारा दौड़ करवाने को लेकर परीक्षार्थी राजस्थान उच्च न्यायालय खंडपीठ जयपुर का सहारा लेकर 16 जनवरी 2019 को याचिका दायर की और उसने जीत हासिल की माननीय न्यायालय द्वारा निर्णय का आदेश मेरिट में देते हुए 25 जनवरी 2019 को आदेश दिया कि अभ्यर्थी की पुनः दौड़ जल्द से जल्द करवाई जाए।

25 जनवरी 2019 से आज दिनांक 10 जुलाई 2020 तक 18 महीने से लगातार भागदौड़ करके चार बार पीएचओ पुलिस मुख्यालय लाल कोठी जयपुर जा चुका हूं और लगभग 5 बार पुलिस अधीक्षक को भी अपनी पीड़ा बता चुका हूं इस संबंध में 181 मुख्यमंत्री जन संपर्क पोर्टल पर भी दो बार शिकायत दर्ज कर चुका हूं। और सांसद दुष्यंत सिंह एमएलए प्रताप सिंह राजनीतिक व प्रशासनिक तौर पर जयपुर बांरा के कई चक्कर लगा चुका हूं
2 जुलाई 2020 को सरकारी वकील द्वारा लीगल नोटिस अधिकारियों को पहुंचाएं लेकिन अभी तक 18 महीनों में भी कोर्ट के आदेशों की पालना नहीं हो सकी।

रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद