उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि)जौनपुर
अपराध को संरक्षण देने वाले और अपराधी दोनों समान दोषी होते हैंऔर दोनों सजा के हकदार हैं।
अपराध को संरक्षण देने वाले और अपराधी दोनों दोष के ही शब्द हैं। जाति, धर्म और सम्प्रदाय से इनका कोई मतलब नहीं। रही बात विकास दुबे की तो , यदि अपराध के कारण अपराधी है तो मृत्यु एक अनिवार्य सत्य है। मैं सवाल विकास दुबे की इनकाउन्टर को लेकर नहीं उठा रहा ? बल्कि सवाल के घेरे में पूरी प्रशासनिक व्यवस्था है ? दो जुलाई की निचाट घनी रात में पुलिस पर गोलियां चलाने वाला क्या विकास दुबे ही था ? और था तो अब तक के प्रमाण क्या हैं और कहाँ हैं ? यदि 200 सौ से भी ज्यादा पुलिस और पुलिस अधिकारी विकास दुबे के सहयोगी थे तो क्या आधी रात को पुलिस पर खुद पुलिस वाले गोलियां नहीं चलाये होंगे ? अगर नहीं तो प्रमाण क्या है ? क्या यह सत्य नहीं कि एस.एस.पी.मिश्र विकास दुबे को दबोच कर पुलिस विभाग की मिली भगत से पर्दा उठाने वाले थे ? साजिश के तहत एस.एस.पी. की हत्या की गई, अगर नहीं तो प्रमाण क्या है ? एक ऐसी सोची – समझी साजिश जिसमें सांप भी मर जायें और लाठी भी ना टूटे। खुद पुलिस महकमा ही पुलिस हत्या की जिम्मेदार है, और विकास दुबे उसका मोहरा। उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश तक जाने में पुलिस बहुत जल्दबाजी में अवश्य रही होगी लेकिन तब वाहन नहीं पलटता है ? वापस कानपुर सीमा पर पुलिस वाहन पलट जाता है, लेकिन कुछ तो प्रमाण होगा ? विकास दुबे के शरीर पर गोलियों के सिवाय एक्सीडेंट के कोई निशान – पहचान नहीं ? जबकि दो – तीन पुलिस वाले मामूली ज़ख्मी हैं ? अब आखिरी सवाल कि विकास दुबे एनकाउन्टर के पीछे कौन – कौन हैं ? पुलिस कस्टडी में यदि कोई मरता है या मारा जाता है तो उसकी गहन खोजबिन होती है ? यदि इतने सवालों का जवाब योगी आदित्य नाथ प्रशासन दे सके तो बेगुनाह अन्यथा शत – शत गुनहगार। रही बात योगी आदित्य की तो उनके साथ – साथ अनगिनत खादी और खाकी अपराध से सने बने हैं, विश्वास है कि गेरुआधारी आगे हर छोटे और बड़े अपराधियों के लिए इतनी ही त्वरित कार्यवाही करेंगे पक्का विश्वास बनाये रखने के लिए ।
मै विकास दुबे का समर्थन नहीं करता। पर इन प्रश्नो का उत्तर चाहता हूं एनकाउंटर जरूरी था विकास दुबे का वरना बहुत सारे नेताओं पुलिस वालों की पोल खुल जाती
1-क्या विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद मुख्तार अंसारी का घर तोड़ा गया उसकी गाड़ी तोड़ी गई
2-क्या विधायक राजू पाल की हत्या के बाद अतीक अहमद तथा उसके भाई का घर तोड़ा गया या गाड़ी तोड़ी गई
3-फिर अभी हाल ही में दिल्ली के अंदर आईबी इंस्पेक्टर को अपने घर में खींचकर उसके 80 से ज्यादा टुकड़े करने वाले ताहिर हुसैन दिल्ली के पार्षद का घर तोड़ा गया
4-क्या उत्तर प्रदेश के सरकार द्वारा घोषित भू माफिया आजम खान की अवैध यूनिवर्सिटी तोड़ी गई
5-यह सब छोड़ दो हुजूर हम तो यह जानना चाहते हैं कि पूरे देश में कोरोना फैलाने वाले तबलीगी जमात के मौलाना साद का घर या उसका तबलीगी जमात का कार्यालय नेताओं के लिए अयोध्या की तरह और मौलाना साद श्रीराम
की तरह पावन है!
6-कमलेश तिवारी जी के हत्यारे का घर क्यों नहीं टूटा है अभी तक
आखिर इन सब अपराधियों के घर मकान और कार्यालय तथा गाड़ियां क्यों नहीं तोड़े गए?
क्या मौलाना साद से बड़ा भी कोई अपराधी है वर्तमान समय में?फिर उसको सीसी में दूध क्यों पिला रही है उसके भी घर और कार्यालय पर बुलडोजर चलता तो हम मानते किलेकिन मौलाना साद, मुख्तार अंसारी ,अतीक अहमद , मुजीब उर रहमान के साथ दोस्ती और सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही यह लोकतंत्र है….???????
जय हिन्द जय भारत।
जय प्रकाश मिश्रा मिडिया प्रभारी बदलापुर जौनपुर
You must be logged in to post a comment.