उत्तर प्रदेश(दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट-जिलाधिकारी शेषमणि पाण्डेय ने उप श्रमायुक्त बांदा तथा श्रम प्रवर्तन अधिकारी को निर्देश दिए कि उप जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने के बाद अभी तक कोई कार्यवाही बाल श्रम उन्मूलन के संबंध में नहीं की गई है यह स्थिति अत्यंत खेद जनक है। उन्होंने अपर जिलाधिकारी से कहा कि उप श्रम आयुक्त तथा श्रम प्रवर्तन अधिकारी से स्पष्टीकरण लेते हुए इनके खिलाफ शासन को कार्यवाही के लिए पत्र भेजा जाए। उन्होंने कहा कि जो कार्य कराया गया है उसकी एक प्रगति रिपोर्ट भी उपलब्ध कराई जाए तथा इस बैठक में चाइल्डलाइन कमेटी के सदस्यों को भी बुलाया जाए। उन्होंने कहा कि जो 105 बाल श्रम चिन्हित किए गए हैं उन पर क्या कार्यवाही की गई उसका भी विवरण उपलब्ध कराएं।जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में जितनी खदानें व क्रेशर मशीनें संचालित है उनमें नियमित रूप से निरीक्षण किया जाए तथा प्रत्येक माह आख्या प्रस्तुत करें अगर नियोजक दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ बाल श्रम अधिनियम के अंतर्गत उनके खिलाफ विधिक कार्यवाही की जाए इस पर किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए बाल श्रमिकों के पुनर्वास के संबंध में भी कार्यवाही सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि विशेष अभियान चलाकर बाल श्रम का चिन्हांकन करके मुख्य चिकित्सा अधिकारी से चिन्हित बाल श्रमिकों का आयु का परीक्षण कराएं ऐसे सभी कार्य स्थलों को चिन्हित किया जाए जिसमें बाल श्रम में पाए जाने की संभावना है चिन्हित बाल श्रमिकों को नियमानुसार शैक्षिक एवं आर्थिक पुनर्वासन की व्यवस्था कराएं संबंधित सेवायोजकों के विरुद्ध नियमानुसार विधिक कार्यवाही भी अपनाई जाए।
बैठक में अपर जिलाधिकारी जी पी सिंह, उप जिलाधिकारी कर्वी अश्विनी कुमार पांडेय, तहसीलदार करबी दिलीप कुमार, उप श्रम आयुक्त बांदा राजीव सिंह, श्रम प्रवर्तन अधिकारी दुष्यंत कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी राम बाबू विश्वकर्मा सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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