वर्चुअल शिक्षा के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था में आयेगा सुधार – आलोक त्रिपाठी

उत्तर प्रदेश ( दैनिक कर्मभूमि)जौनपुर

जौनपुर।आपदा को अवसर में बदलने की उक्ति चीन के किसी राजनयिक ने दी। फिर भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने वक्तव्यों में इस बात को जोर शोर से उठाना प्रारम्भ किया। हमे इस बात को मात्र धनार्जन के पक्ष में न देखकर कुछ मौलिक कार्यो में भी लेन की आवस्यकता है। इस रूप में महा आपदा के इस काल मे शिक्षा व्यवस्था की भी चुनौती के रूप में देखना चाहिए, और उसी के अनुरूप आपदा को अवसर में बदलने की कवायत करनी चाहिए। चूंकि राष्ट्र निर्माण में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस कोरोना काल मे ऑनलाइन शिक्षा और उसके लाभ को दर्शाया गया है। अब समय है कि हम शिक्षा के लिए भव्य भवनों को छोड़कर गुणवत्ता परक शिक्षा की ओर ध्यान दे। और वर्चुअल शिक्षा के माध्यम से इस लक्ष्य को पाया जा सकता है। वर्चुअल शिक्षा के माध्यम से छात्रों का बड़े शहरों और बड़े संस्थानों की ओर पलायन रुक सकता है उसके साथ ही रुक सकती हैं छात्रों की अनेकानेक दुस्वरिया बड़े संस्थानों की फीस, यातायात के खर्च,मकान किराया एवं अन्य खर्च। वर्चुअल शिक्षा के माध्यम से एक साथ बहुतो को पढ़ाया जा सकता है।जिससे हर कोई(ज्यादा से ज्यादा लोग) अच्छी से अच्छी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकते। इसके लिए शासन स्तर के प्रयास और इच्छा शक्ति की अवश्यक्ता मात्र हैं। विकाश एक सतत प्रक्रिया है, और सुधार की गुंजाइश सदैव रहती है, जो विकाश के लिए आवश्यक है। शिक्षा के क्षेत्र में नीति नए प्रयोग होते ही रहते हैं, तो क्या हम इस ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था को गढ़ने के लिए कुछ सुधार अवश्यक्तानुसार नहीं कर सकते।