दिल्ली (दैनिक कर्मभूमि):- केंद्र सरकार लगातार देश को एक सूत्र में पिरोने के लिए कोशिश कर रही है फिर वो चाहे कश्मीर से 370 हटाने के बारे में हो या पूरे देश में एक देश एक राशन कार्ड लागू करने के बारे में हो।
इसी क्रम में केंद्र सरकार ने एक और बहुत बड़ा फैसला लिया है इस फैसले के तहत कैबिनेट ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी को मंजूरी दी है।केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी नौकरियों में भर्ती को लेकर बुधवार बड़ा फैसला किया और राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) का गठन का एलान किया।। यह बहु एजेंसी निकाय के रूप में समूह ख और ग (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग करने के लिए सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) आयोजित करेगी।
मौजूदा भर्ती व्यवस्था वर्तमान में, सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को पात्रता की समान शर्तों वाले विभिन्न पदों के लिए अलग-अलग भर्ती एजेंसियों द्वारा संचालित की जाने वाली भिन्न-भिन्न परीक्षाओं में सम्मिलित होना पड़ता है। उम्मीदवारों को भिन्न-भिन्न भर्ती एजेंसियों को शुल्क का भुगतान करना पड़ता है और इन परीक्षाओं में भाग लेने के लिए लंबी दूरियां तय करनी पड़ती है। इन अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं से उम्मीदवारों के साथ-साथ संबंधित भर्ती एजेंसियों पर भी बोझ पड़ता है। इसमें बार-बार होने वाले खर्च, कानून और व्यवस्था/सुरक्षा संबंधी मुद्दे और परीक्षा केंद्रों संबंधी समस्याएं शामिल हैं। औसतन, इन परीक्षाओं में अलग से 2.5 करोड़ से 3 करोड़ उम्मीदवार शामिल होते हैं।
एनआरए क्या है?
साझी पात्रता परीक्षा (सीईटी) उम्मीदवार एक सामान्य योग्यता परीक्षा में केवल एक बार शामिल होंगे तथा उच्च स्तर की परीक्षा के लिए किसी या इन सभी भर्ती एजेंसियों में आवेदन कर पाएंगे। बयान के अनुसार, एनआरए के तहत एक परीक्षा में शामिल होने से उम्मीदवारों को कई पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा।
एनआरए और सीईटी की मुख्य विशेषताएं:
एनआरए वर्ष में दो बार ऑनलाइन माध्यम से सीईटी आयोजित करेगा।
अभ्यर्थियों का पंजीकरण, रॉल नंबर, एडमिट कार्ड, अंक पत्र, मेधा सूची आदि आनलाइन माध्यम से संचालित होंगी।
सीईटी अनेक भाषाओं में उपलब्ध होगी। यह देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों को परीक्षा में बैठने और चयनित होने के समान अवसर प्राप्त करना सुविधाजनक बनाएगी।
सीईटी बहु विकल्प प्रश्नों पर आधारित परीक्षा होगी और इसका स्कोरकार्ड तीन वर्षो तक मान्य होगा।
इसके लिए देश के प्रत्येक जिले में एक परीक्षा केंद्र स्थापित किया जाएगा जिसमें 117 आकांक्षी जिले शामिल हैं। प्रारंभिक योजना देशभर में 1000 परीक्षा केंद्र स्थापित करने की है।
निश्चित रूप से यह केंद्र सरकार की तरफ से लिया गया बहुत ही बड़ा कदम है,और जो कि आने वाले समय में बहुत ही लाभदायक साबित होगा।
रिपोर्ट :- संतोष शुक्ला
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