उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) अयोध्या। किसी भी भुगतान को लेकर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी अब बेहद ही चौक्कने हो गए हैं। ट्रस्ट के खाते में दो बार सेंध लगने के बाद अब भुगतान प्रक्रिया में बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अब अधिकांश भुगतान आरटीजीएस से करेगा। इसकी प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके साथ ही चेक को क्लोन होने की प्रक्रिया से बचाने के लिए ट्रस्ट ने बैंक को भी सचेत कर दिया है। एसबीआई अयोध्या शाखा से क्लीयरेंस के बाद ही भुगतान खाते से धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद अब ट्रस्ट किसी क्लाइंट को चेक से भुगतान नहीं करेगा।
अपरिहार्य परिस्थिति में ही चेक का प्रयोग किया जाएगा। किसी भी कारण से यदि चेक से भुगतान किया जाएगा तो इसका भुगतान भारतीय स्टेट बैंक अयोध्या शाखा के क्लीयरेंस के बाद ही हो सकेगा। बैंक की सेल मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी लेगी। दूसरी ओर एसबीआई प्रबंधन ने ट्रस्ट से चेक अथवा आरटीजीएस से भुगतान के सभी मामलों को अयोध्या शाखा को देने का प्रस्ताव रखा है।
ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्र ने बताया कि भुगतान प्रक्रिया को और सुरक्षित व किया जाएगा। चेक से अपरिहार्य स्थिति में ही भुगतान किए जाएंगे। आरटीजीएस का अधिकाधिक प्रयोग किए जाने पर विचार चल रहा है। अधिकृत ट्रस्टी लगातार बैंक के संपर्क में रहेंगे।
दरअसल ट्रस्ट से राम मंदिर निर्माण के लिए मिलने वाले दान को जमा करने के साथ ही किसी को भी यहां भुगतान करने के लिए दो अलग-अलग खाते खोले गए। भुगतान खाते से ही ट्रस्ट भुगतान करता है। इसी का चेक अब तक क्लाइंट को दिया जाता रहा।
बीते दिनों इसी खाते के तीन चेक की क्लोनिंग कर लखनऊ के बैंक ऑफ बड़ौदा तथा पंजाब नेशनल बैंक में भुगतान के लिए लगाया गया। दो चेक क्लीयर भी हो गए, जबकि चेक की मूल कॉपी ट्रस्ट कार्यालय में मौजूद है। कुल छह लाख रुपये फर्जी चेक से निकाले गए थे। जालसाज के खाते में दो लाख रुपये सीज किए गए हैं। जब तीसरी बार नौ लाख 86 हजार का चेक लगाया गया तो भारतीय स्टेट बैंक की सजगता से मामला पकड़ा जा सका।
पवन कुमार चौरसिया ब्यूरो अयोध्या मंडल
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