*किसानों के पिले सोने सरसों पर छाई चादर*

राजस्थान (दैनिक कर्मभूमि) बारां किशनगंज कस्बे सहित क्षेत्र में इन दिनों किसानों की कमाऊ फसल पीला सोना सरसों से खेतों में चारों तरफ पीले रंग की कस्बे सहित क्षेत्र में इन दिनों किसानों की कमाऊ फसल पीला सोना सरसों से खेतों में चारों तरफ पीले रंग की चादर सी बिछी हुई नजर आने लगी है। हालांकि इस वर्ष बारिश लंबी चलने से सरसों के बुवाई का समय निकल जाने के कारण कम ही रकबे में सरसों की उराई हो पाई है।किसान हेमंत जैन,कृष्णमुरारी नागर व पवन लुहारिया ने बताया कि इस वर्ष हुई देर तक बारिश से किसानों का रुझान सरसों की फसल की ओर कम ही हुआ है। अक्टूबर तक चली बारिश के कारण सरसों बुवाई का समय निकल जाने के कारण कस्बे सहित क्षेत्र में कम ही किसानों द्वारा सरसों की बुवाई की गई है।हालांकि जिन किसानों के द्वारा सरसों की बुवाई की गई है इन सब खेतों में उगी सरसों की फसल में पीले पीले फूल भरपूर मात्रा में आने लगे हैं। जिसे दूर से ही देखने से ऐसा प्रतीत होता है जैसे जमीन पर पीली चादर बिछा दी गई है।किसानों का कहना है कि अभी पड़ने लगी ठंड से सरसों की फसल अच्छी होने से बढ़िया पैदावार निकलने की संभावना बनी है।

‘इस बार गेहूं की बुवाई में किसानों
का बड़ा रूझान’
इस वर्ष हुई अत्यधिक बारिश होने की वजह से पानी की उपलब्धता को देखते हुए किसानों का गेहूं की बुवाई की ओर ज्यादा रुझान बढ़ा है। किसान बिहारीलाल चौधरी,नारायणलाल जाट व रामेश्वर दयाल गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष हुई देर तक अत्यधिक बारिश की वजह से सरसों बुवाई का समय निकल जाने से क्षेत्र के किसानों का रुझान पानी की पर्याप्त उपलब्धता देखते हुए गेहूं की फसल की ओर होने से गेहूं का रकबा बढ़ गया है।कस्बे सहित पूरे क्षेत्र में कुछ ही खेतों में सरसों की बुवाई की गई है।ज्यादातर गेहूं की बुवाई की गई है।किसानों के द्वारा अभी गेहूं की फसल में यूरिया खाद की मार झेलते हुए दूसरा पानी दिया जा रहा हैं।
‘लहसुन बुवाई में भी दिखाई किसानों ने दिलचस्पी’
इस बार किसानों ने लहसुन की फसल बुवाई में भी काफी दिलचस्पी दिखाई है।किसान मुकेश नागर,लोकेश नागर व महावीर नागर ने बताया कि पिछले वर्ष अच्छे व ऊंचे दामों में लहसुन की बिक्री होने से इस वर्ष किसानों ने लहसुन की बुवाई में खूब दिलचस्पी दिखाई है।पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष किसानों के द्वारा *डेड से* दोगुनी जमीन खेत मैं लहसुन की बुवाई की है।जिन किसानों ने पिछले वर्ष 5 बीघा लहसुन की बुवाई की थी अच्छे व तेज भावों की वजह से इस वर्ष उनके द्वारा 10 बीघा तक में लहसुन बुवाई की गई है।जिससे क्षेत्र में लहसुन की फसल का रकबा भी बड़ा है।
‘तेज सर्दी पड़ने से अब आएगी फसलों में चमक’
कस्बा निवासी किसान अजय सिंह चौधरी,रमेश माली व भंवर सिंह जाट ने बताया कि किसानों के द्वारा लगभग 2 माह पूर्व से ही खेतों में सरसों,चना,गेहूं,लहसुन आदि की बुवाई की जा चुकी थी।लेकिन सर्दी नहीं पड़ने के कारण फसलों में उठाव नहीं हो पा रहा था।तेज ठंड पड़ने के साथ थी प्रातः के समय गिरने वाली ओस की बूंदों से खेतों में बनने वाली नमी के कारण फसलों में एक साथ उठाव आता है।पिछले तीन दिनों से पढ़ने लगी तेज ठंड से किसानों को अब अपनी फसलों में चमक आने की संभावना जगी है।
फोटो:-01 कस्बे के नजदीक खेत में सरसों की फसल में आए पीले फूल। सी बिछी हुई नजर आने लगी है। हालांकि इस वर्ष बारिश लंबी चलने से सरसों के बुवाई का समय निकल जाने के कारण कम ही रकबे में सरसों की उराई हो पाई है।किसान हेमंत जैन,कृष्णमुरारी नागर व पवन लुहारिया ने बताया कि इस वर्ष हुई देर तक बारिश से किसानों का रुझान सरसों की फसल की ओर कम ही हुआ है। अक्टूबर तक चली बारिश के कारण सरसों बुवाई का समय निकल जाने के कारण कस्बे सहित क्षेत्र में कम ही किसानों द्वारा सरसों की बुवाई की गई है।हालांकि जिन किसानों के द्वारा सरसों की बुवाई की गई है इन सब खेतों में उगी सरसों की फसल में पीले पीले फूल भरपूर मात्रा में आने लगे हैं। जिसे दूर से ही देखने से ऐसा प्रतीत होता है जैसे जमीन पर पीली चादर बिछा दी गई है।किसानों का कहना है कि अभी पड़ने लगी ठंड से सरसों की फसल अच्छी होने से बढ़िया पैदावार निकलने की संभावना बनी है।
‘इस बार गेहूं की बुवाई में किसानों
का बड़ा रूझान’
इस वर्ष हुई अत्यधिक बारिश होने की वजह से पानी की उपलब्धता को देखते हुए किसानों का गेहूं की बुवाई की ओर ज्यादा रुझान बढ़ा है। किसान बिहारीलाल चौधरी,नारायणलाल जाट व रामेश्वर दयाल गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष हुई देर तक अत्यधिक बारिश की वजह से सरसों बुवाई का समय निकल जाने से क्षेत्र के किसानों का रुझान पानी की पर्याप्त उपलब्धता देखते हुए गेहूं की फसल की ओर होने से गेहूं का रकबा बढ़ गया है।कस्बे सहित पूरे क्षेत्र में कुछ ही खेतों में सरसों की बुवाई की गई है।ज्यादातर गेहूं की बुवाई की गई है।किसानों के द्वारा अभी गेहूं की फसल में यूरिया खाद की मार झेलते हुए दूसरा पानी दिया जा रहा हैं।
‘लहसुन बुवाई में भी दिखाई किसानों ने दिलचस्पी’
इस बार किसानों ने लहसुन की फसल बुवाई में भी काफी दिलचस्पी दिखाई है।किसान मुकेश नागर,लोकेश नागर व महावीर नागर ने बताया कि पिछले वर्ष अच्छे व ऊंचे दामों में लहसुन की बिक्री होने से इस वर्ष किसानों ने लहसुन की बुवाई में खूब दिलचस्पी दिखाई है।पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष किसानों के द्वारा डेड से दोगुनी जमीन खेत मैं लहसुन की बुवाई की है।जिन किसानों ने पिछले वर्ष 5 बीघा लहसुन की बुवाई की थी अच्छे व तेज भावों की वजह से इस वर्ष उनके द्वारा 10 बीघा तक में लहसुन बुवाई की गई है।जिससे क्षेत्र में लहसुन की फसल का रकबा भी बड़ा है।
‘तेज सर्दी पड़ने से अब आएगी फसलों में चमक’
कस्बा निवासी किसान अजय सिंह चौधरी,रमेश माली व भंवर सिंह जाट ने बताया कि किसानों के द्वारा लगभग 2 माह पूर्व से ही खेतों में सरसों,चना,गेहूं,लहसुन आदि की बुवाई की जा चुकी थी।लेकिन सर्दी नहीं पड़ने के कारण फसलों में उठाव नहीं हो पा रहा था।तेज ठंड पड़ने के साथ थी प्रातः के समय गिरने वाली ओस की बूंदों से खेतों में बनने वाली नमी के कारण फसलों में एक साथ उठाव आता है।पिछले तीन दिनों से पढ़ने लगी तेज ठंड से किसानों को अब अपनी फसलों में चमक आने की संभावना जगी है।

रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां किशनगंज