उत्तर प्रदेश ( दैनिक कर्मभूमि) जौनपुर
जौनपुर।शिक्षक शिक्षा विभाग, टी डी. कॉलेज ,जौनपुर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: मुद्दे एवं क्रियान्वयन की चुनौतियां विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन बलरामपुर हाल में किया गया। संगोष्ठी के प्रारंभ में माँ सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन मुख्य अतिथि प्रोफेसर आर.पी.पाठक, संकायाध्यक्ष , शिक्षा संकाय , श्री लाल बहादुर राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ , नई दिल्ली द्वारा किया गया । जनपद जौनपुर के मूल निवासी प्रोफेसर पाठक जी की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा एवं अन्य समकालीन विषयों पर लगभग 100से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जो कि शोधकर्ताओं एवं विद्यार्थियों में अत्यधिक लोकप्रिय हैं । भारत सरकार के विभिन्न शैक्षणिक समितियों , यूजीसी, एन सी ई आर टी, आदि के सदस्य रहे हैं । मुख्य अतिथि प्रोफेसर आर.पी. पाठक जी ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रभावशीलता उसके क्रियान्वयन पर निर्भर करती है । संबंधित सभी निकायों को व्यवस्थित तरीके से पहल करनी होगी और कई कदम उठाने की जरूरत होगी जिसमें एम एच आर डी ,केंद्र एवं राज्य सरकार, शिक्षा संबंधी मंत्रालय राज्यों के शिक्षा विभाग , विभिन्न बोर्ड , उच्च शिक्षा के नियामक निकाय ,एन सी ई आर टी आदि संस्थानों आपसी संबंध तथा तालमेल के माध्यम से इसके भाव एवं प्रयोजन अनुसार सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है । इसे नीति पूर्ण भावना और सक्रियता के साथ लागू किया जाए । शिक्षक शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ समर बहादुर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को केंद्र तथा राज्यों के बीच सावधानी पूर्वक योजना निर्माण, संयुक्त निगरानीऔर समन्वयपूर्ण क्रियान्वयन की जरूरत होगी । आयोजन सचिव डॉ सुधांशु सिन्हा ने बताया की राष्ट्रीय शिक्षा नीति सभी चरण अधिक महत्वपूर्ण है और सभी चरणों में समन्वय के भाव से कार्य करना होगा टुकड़ों में प्रयास करने के बजाय समग्र क्रियान्वयन करने से ही वंचित उद्देश्यों की प्राप्ति सुनिश्चित होगा क्योंकि शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है इसमें दो राज्यों के बीच सावधानीपूर्वक योजना निर्माण और समय की जरूरत होगी ।राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक डॉ अजय कुमार दुबे ने बताया कि संतोषजनक निष्पादन के लिए मानव संरचना और वित्तीय संसाधनों को समय से जुटाना अहम बिंदु है कि शिक्षक शिक्षा से जुड़े हुए सभी वर्गों तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना और तकनीकी परिवर्तन सभी तक पहुंचने चाहिए । सह संयोजक डॉ विनय कुमार सिंह ने राट्रीय शिक्षा नीति के प्रमुख लक्ष्यों तथा चुनौतियों से अवगत कराया । प्राचार्य डॉ सरोज सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सभी पक्षों को विश्वास में लेकर ही लागू करना होगा ।राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भावना और नीति तो अच्छी है लेकिन उनको समुचित ढंग से लागू करने से ही वांछित परिणाम प्राप्त होगा। अध्यक्षीय सम्बोधन में महाविद्यालय के प्रबंधक श्री अशोक कुमार सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को वर्तमान परिवेश में अत्यधिक प्रासंगिक बताया ।संगोष्ठी में शिक्षक शिक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित एवं डॉ अजय कुमार दुबे द्वारा संपादित वार्षिक पत्रिका “अभिव्यक्ति 2019- 20” का लोकार्पण प्रोफेसर आर. पी. पाठक जी द्वारा किया गया उन्होंने कहा कि इस पत्रिका में बहुत ही महत्वपूर्ण समसामयिक सूचनाएं लेख और जानकारी से भरे हुए विभागीय सूचनाएं हैं जिससे विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्राप्त होगी । संगोष्ठी को डॉ रीता सिंह, डॉ अरविंद सिंह,डॉ वंदना शुक्ला, डॉ सुलेखा सिंह,डॉ गीता सिंह, श्री सीमांत रॉय, श्री वैभव सिंह, आदि ने भी संबोधित किया संगोष्ठी का संचालन डॉ श्रद्धा सिंह एवं आभार डॉ जय प्रकाश सिंह ने व्यक्त किया । संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में शोधार्थियों एवं छात्र छात्राओं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से सम्बंधित शोध पत्रों को प्रस्तुत किया जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत कराया । जिसमें भारत के संदर्भ में भविष्य की चुनौतियों पर विजय प्राप्त किया जा सके ।
उत्तर प्रदेश सम्पादक अभिषेक शुक्ला
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