96 संभागियों ने आत्मरक्षा योगा-प्राणायाम के साथ थ्रो(गिराना) का सीखा सबक

राजस्थान (दैनिक कर्मभूमि) बारां छीपाबडौद:राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय छीपाबडौद में चल रहें ब्लॉक स्तरीय 10 दिवसीय गैर आवासीय महिला शारीरिक शिक्षिकाओं ओर शिक्षकों के आत्मरक्षा व मार्शल आर्ट प्रशिक्षण के पंचम दिवस प्रातः योगा एवं प्राणायाम सत्र में व्याख्याता शंकर लाल नागर ओर दक्ष प्रशिक्षक हेमन्त गौत्तम तथा सेवानिवृत प्रधानाचार्य जगदीश शर्मा नें सहज योग की मुद्राओं का अभ्यास कराया तथा निरोगता के लिए श्री माताजी निर्मला देवी कृत नमक के साथ जल क्रिया के प्रयोग की क्रियात्मक विधि समझा कर दिया ज्ञान।आत्मरक्षा फील्ड प्रैक्टिस मे मास्टर ट्रेनर श्रीमति संगीता गौत्तम,लीला मेहरा,हेमन्त शर्मा ने पूर्व दिवस प्रशिक्षण का अभ्यास कराया तथा खेल स्टेडियम में सोसियल डिस्टेन्स ओर मास्क के साथ विभिन्न प्रकार के थ्रो(गिराना) की जानकारी देकर शत्रु को कैसे गिराना है का अभ्यास कराया।मध्याह्न भोजन के बाद अलग-अलग चार कक्षा-कक्षो में *किशोरावस्था में जीवन कौशल का विकास* पर वार्ताओं के माध्यम से जानकारी दी गयीं।दक्ष प्रशिक्षक हेमन्त शर्मा ने बताया कि किशोरावस्था किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक निर्णायक बिन्दु होता है जिसमें आपके पास असीम संभावनाएं भी होती है और उसी समय बहुत ज्यादा जोखिम भरा समय भी होता है उस समय जीवन कौशल को एक प्रभावी प्रकार माना जा सकता है जिससे वे युवाओं को अपने कार्य जिम्मेदारी से करने दूसरे से पहल करने और नियंत्रण करने के तरीके सिखाय जाना जरूरी है।लीला मेहरा ने कहा कि

किशोरावस्था एक महत्वपूर्ण प्रगति और विकास की अवस्था है,जिसमें बचपन से वयस्क होने की यात्रा तय की जाती है इसमें तेजी से होनेवाले मानसिक और शारीरिक परिपक्वता के लक्षण दिखाई देते हैं।किशोरावस्था एक ऐसी स्थिति है जब युवा अपने संबंधों को परिवार और माता पिता की सीमा से आगे ले जाता है वे अपने दोस्तों और सामान्य रुप से बाहरी विश्व से बहुत ज्यादा प्रभावित होते है।संगीता गौतम ने कहा कि किशोरावस्था एक तरह से आत्म जागृति की अवस्था है इसमें किशोर-किशोरी स्वयं की पहचान,चरित्र,क्षमताएं और स्वयं की कमियां,इच्छाएं और पसन्द, नापसंद की पहचान करता,करती है। किशोर-किशोरी के आत्म जागरण होने की स्थिति में किशोर किशोरी यह पहचान कर सकते हैं कि वे कब तनाव के प्रभाव में होते हैं और कब उन्हे दबाव महसूस होता है।आत्म रक्षा प्रशिक्षण बाद उसमें आत्म विश्वास का जागरण,सामान्य रुप से प्रभावी संवाद और सही अन्तर्वैयक्तिक संबंधों के चलनें का ज्ञान होता है और वो ऐसे समय दूसरों के साथ समानुभूति भी विकसित करता है।वार्ता में कक्षा-कक्ष में प्रशिक्षक प्रशिक्षणार्थी संवाद में चारों कक्षों में भाग ले रहे संभागियों मे सें आत्म रक्षा और किशोरावस्था में जीवन कौशल विकास विषय पर संभागी *निर्मला नागर,निशा गुप्ता लीना शर्मा लक्ष्मी नागर करिश्मा शिल्पाडील,प्रमिला शर्मा तथा अब्दुल वहीद ताराचंद चन्द्र सिंह कुशवाह* आदि
नें भी अपने विचार व्यक्त किये।सायंकालीन सत्र में सुबह से लेकर सत्र समाप्ति तक कि गतिविधियों का अभ्यास ओर जांच कर 5 वें दिन के प्रशिक्षण का समापन हुआ।सीबीईओ प्रेमसिंह मीणा नें प्रभारी सूर्यप्रकाश शर्मा से शिविर गतिविधियों की रिपोर्टिंग ली गयीं जिसमें प्रभारी शर्मा नें 96 संभागियों के भाग लेनें ओर सभी कार्य एवं व्यवस्थाओं पर संतोष जताया, इस पर सीबीईओ प्रेम सिंह मीणा नें सभी को गति विधियों में समय से भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया।

रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद