राजस्थान राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) बारां छीपाबड़ौद ओनलाइन वार्ता के मुख्य अतिथि महसूर योग गुरु सेवानिवृत प्रधानाचार्य जे.सी.शर्मा को आमंत्रित किया गया।योग केंद्र के कार्यकारी अध्यक्ष शंकर लाल नागर ओर उपाध्यक्ष बाबू लाल नागर ने भी किया सम्बोधित।ब्लाक के भुवाखेड़ी ग्राम स्थित श्री हनुमान सिद्ध साधनाश्रम पर संचालित अलख निरंजन ज्योति ध्यान योग केंद्र,अमीरपुर खेड़ी पर 24 दिसम्बर,गुरुवार की सायंकाल राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर ओनलाइन संगोष्ठी महंत सेवानन्द पुरी महाराज की अध्यक्षता में आयोजित की गयीं।मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षाविद,योग गुरू जे.सी.शर्मा ने ओनलाइन लिया भाग।कार्यक्रम अधिकारी,अलख योग केंद्र के कार्यकारी अध्यक्ष शंकर लाल नागर के अनुसार 24 दिसम्बर को सायंकाल को महंत पुरी महाराज की अध्यक्षता में ऑफलाइन/ ऑनलाइन वार्ता संगोष्ठी आयोजित की गयीं।योग संगठन मंत्री परमानन्द शर्मा ने बताया कि वार्ता,संगोष्ठी में ऑनलाइन वक्ता के रूप में शंकर लाल नागर सहित छबड़ा से एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी बाबू लाल सुमन ने लिया भाग।
वक्ताओं ने सम्बोधित करते हुये कहा कि भारत में 24 दिसंबर,1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 लागू किया गया था उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में उपभोक्ता शब्द की व्याख्या करते हुए वक्ता नागर ने कहा कि जो भी व्यक्ति अपने उपयोग के लिए किसी वस्तु को खरीदता है ओर मूल्य चुकाता है तो वो उपभोक्ता है।ऐसे में ये साफ हो जाता है कि हम सभी उपभोक्ता हैं।नागर ने जीवन एवं सम्पत्ति,हानिकारक सामान ओर सेवाओ की बिक्री के खिलाफ खरीदी गयीं वस्तु की गुणवत्ता मात्रा,क्षमता,शुद्धता,स्तरओर मूल्य के बारे में जानकारी का अधिकार बताया।इसके साथ ही उपभोक्ताओं को हुए राशि के नुकसान के आधार पर शिकायत के लिए उपभोक्ता कोर्ट को क्लेम राशि के अनुसार विभिन्न भागों में बांटा गया है अगर यह राशि 20 लाख रुपये से कम है तो जिला फोरम में शिकायत दर्ज की जाएगी,यह राशि 20 लाख से अधिक लेकिन एक करोड़ से कम है तो राज्य आयोग के सामने और यदि एक करोड़ रुपये से अधिक है तो राष्ट्रीय आयोग के सामने शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।इसके साथ ही उपभोक्ता कोर्ट में ऑनलाइन शिकायत और आवेदन देने की सुविधा भी उपलब्ध है।बाबूलाल सुमन ने उपभोक्ताओं के अधिकारों पर चर्चा कर कहा की उपभोक्ता अपने जीवन या संपत्ति के लिए हानिकारक सामान और सेवा की बाजार में बिक्री के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं इसके साथ ही उपभोक्ता को खरीदी गई वस्तु की गुणवत्ता,मात्रा,क्षमता, शुद्धता स्तर और मूल्य जैसी चीजों के बारे में जानकारी लेने का अधिकार है।सामान पर दी गयी एमआरपी (अधिकतम मूल्य दर) से ज्यादा पर कोई भी वस्तु की बिक्री एक दंडनीय अपराध है।उपभोक्ता को अनुचित व्यापार पद्धतियों या उपभोक्ताओं के शोषण के विरुद्ध निपटान का अधिकार है।समाज में हर उपभोक्ता को सूचना संपन्न उपभोक्ता बनने और अपने प्रोडक्ट के बारे में ज्ञान प्राप्त करने का अधिकार भी है।
जे.सी शर्मा ने कहा कि उपभोक्ता कानून के अनुसार उपभोक्ता अदालत में शिकायत हर वो ग्राहक कर सकता है जिसनें मूल्य चुकाकर बिल के साथ सेवाएं ली है।उपभोक्ता मामलों के जानकार जे.सी.शर्मा बताते हैं कि अगर उपभोक्ता को किसी व्यापारी के कारण कोई हानि होती है इसके अलावा खरीदे गए सामान में यदि कोई खराबी है,किराए पर ली गई सेवाओं मे कमी पाई गई है या विक्रेता ने प्रदर्शित मूल्य से अधिक मूल्य लिया हो,पक्का बिल नही देता हो तो उपभोक्ता कोर्ट में शिकायत कर सकता है इसके अलावा अगर कोई कंपनी किसी भी कानून का उल्लंघन करते हुए जीवन को जोखिम में डालने वाला सामान बेच रही हो तो इसकी शिकायत किसी के भी द्वारा दर्ज करवाई जा सकती है।उपभोक्ता कोर्ट में उपभोक्ताओं के मामलों को लेकर शिकायतें होती हैं यह सही है कि इस मामले में अपेक्षित वृद्धि नहीं हुई है लोग शिकायत करने से बचते हैं,यह भ्रम है कि उपभोक्ता से जुड़े मामलों में शिकायत करने की प्रक्रिया जटिल है उन्होंने ने कहा कि प्रक्रिया बिलकुल सरल है।
नियमों की जानकारी नहीं होने के कारण कई बार हम ठगी के शिकार होते हैं ओर शिकायत दर्ज नही करा पाते हमें यह पता नहीं होता कि ऐसे मामलों में कहां शिकायत करनी है मेरा हमारा मानना है कि उपभोक्ता से जुड़े कानून का प्रचार-प्रसार नीजी एनजीओ या सरकार की ओर से उपभोक्ताओं को देने के लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।एनएसएस सेवार्थीयों ने कहा कि उपभोक्ता फोरम को जनता के बीच जानकारी पहुंचाने की जरूरत है उपभोक्ताओं के नियम ओर अधिकारों को लेकर जगह-जगह बोर्ड,फ्लेक्स द्वारा जानकारी दी जानी चाहिए ओर उत्पादों पर भी इसकी जानकारी ओर शिकायत के लिए कोर्ट या आयोग में शिकायत प्रकोष्ठ के ट्रोल फ्री नम्बर होनें चाहिए जिससे उपभोक्ता द्वारा ठगी की तुरन्त शिकायत दर्ज हो सके जैसे अगर सामग्री में गड़बड़ी मिले तो कहां शिकायत करें बेचे जा रहे प्रोडक्ट पर शिकायत विभाग के नंबर भी दर्ज हो।योग केंद्राध्यक्ष कार्यक्रम अधिकारी अधिकारी शंकर लाल नागर नें अंत मे वार्ता ओर संगोष्ठी में भाग लेंने पर सभी का आभार जताया ओर कहा कि वैसे तो भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत बहुत पहले 1966 में मुंबई से शुरू हो गयी थी,वर्ष 1974 में पुणे में ग्राहक पंचायत की स्थापना के बाद अनेक राज्यों में उपभोक्ता कल्याण हेतु संस्थाओं का गठन किया गया और यह आंदोलन बढ़ता गया 9 दिसंबर 1986 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पहल पर उपभोक्ता संरक्षण विधेयक पारित कर इसका गठन किया गया और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह देशभर में लागू हुआ इसके बाद 24 दिसंबर को भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।ओंनलाइन वार्ता में हरिबलभ देवकीनंदन पवन नेमीचंद चौथमल,बाबूलाल कुलदीप रिंकू देवकी आदि नें भी भाग लिया ओनलाइन,ऑफलाइन कार्यक्रम में उपस्थित सभी का कार्यक्रम अधिकारी शंकर लाल नागर ने जताया आभार।
रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद
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