अध्यापक पति के निधन के बाद पेंशन के लिए दो वर्ष से दर दर भटक रही महिला

उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) अंबेडकर नगर।

अम्बेकरनगर_आलापुर आम लोगों को त्वरित न्याय दिलाने के दावे शासन-प्रशासन स्तर पर भले ही किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जहांगीरगंज शिक्षा क्षेत्र में तैनात रहे सहायक अध्यापक की मृत्यु के दो वर्ष बाद भी उनकी पत्नी को पेंशन नहीं मिल पा रही है। अध्यापक की पत्नी अधिकारियों की चौखट नाप रही हैं, लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं है।
बता दें कि जहांगीरगंज शिक्षा क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय केदरूपुर में साहबदीन कनौजिया बतौर सहायक अध्यापक तैनात थे। उनकी मृत्यु करीब दो वर्ष पूर्व हो चुकी है। उनकी पत्नी सुमन कनौजिया को पारिवारिक पेंशन अब तक प्राप्त नहीं हो सकी है। वित्त व लेखाधिकारी कार्यालय, बेसिक शिक्षा विभाग में आज भी पत्रावली इस आपत्ति के साथ पड़ी हुई है कि जब तक मृतक अध्यापक के एनपीएस खाते में जमा धनराशि शासन के खाते में जमा नहीं हो जाएगी, तब तक पेंशन स्वीकृत नहीं होगी। विभागीय लापरवाही का आलम यह है कि जिस खाते में पेंशन की धनराशि जमा की जानी है, आज तक वह खाता भी नहीं खुल पाया है।पेंशन न मिलने से मृतक की पत्नी का जीवन दूभर हो गया है। बार-बार सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रही है। मृतक सहायक अध्यापक की पत्नी ने अविलंब पेंशन स्वीकृत कराने की गुहार लगाई है। बताते चलें कि साहबदीन 2002 के विधानसभा चुनाव में जहांगीरगंज सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र (अब आलापुर) से भाजपा के टिकट पर बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ विधानसभा का चुनाव भी लड़े थे।
रिपोर्ट-विमलेश विश्वकर्मा ब्यूरो चीफ अंबेडकरनगर