राजस्थान राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) बारां छीपाबडौद:राष्ट्रीय सेवा योजना राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हरनावदा शाहजी में कार्यक्रम अधिकारी शंकर लाल नागर ने राष्ट्रीय सेवा योजना के सेवार्थीयों के सहयोग से भ्रष्टाचार के विरुद्ध जन जारूकता,संवाद कार्यक्रम का आयोजन जूम मीटिंग एप्लिकेशन लिंक के माध्यम से ऑनलाइन तथा कोविड गाइड लाइन अनुसार ऑफलाइन आयोजन किया गया।कार्यक्रम अधिकारी नागर ने सेवार्थीयों से कहा कि हमने सबने कहावत सुनी है की हाथी के दांत खाने के ओर दिखाने के ओर होते है वैसे ही ठीक आज के मनुष्य ओर भ्रष्ट कर्मचारियों और नेताओं के दांत भी खाने के ओर ओर दिखाने के ओर दिखने लगे है।जब भी आप किसी सरकारी विभाग में किसी अधिकारी,कर्मचारी या फिर किसी सरकार के द्वारा नियुक्त मंत्री या नेता जी के दरबार में जाओगे तो वहां आपको ऐसी ही व्यवस्था से रूबरू होना पड़ेगा और वहां पहले से मौजूद व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर दलाल मौजूद रहते है जिनमेँ कुछ लोग आपके परिचित चेहरे भी हो सकते है वो आपको पहले तो मुख्य व्यक्ति से मिलने ही नही देंगें ओर आपको व्यवस्था के नाम से अपने नाम की पर्ची पीए से लेकर अंदर मिलने चले भी गये तो आप उन अधिकारी और नेताजी की भाषा पर जरा गौर फरमा लीजिएगा वो आपके आवेदन पर कुछ अपनी भाषा में कुछ लिखेगा ओर अधिकारी होगा तो कहेगा बाहर टेबल नंबर 0 के विंडो स्थित कर्मचारी से मिल लेवें।काम के लिए मंत्री या नेताजी बने लेताजी होगें तो कहेगें बाहर पीए को दे दो आप पीए या वहां दफ्तर स्थित व्यवस्था के कार्मिक के पास जाओगे तो पहले आपको निगाह डाल यमदूत की तरह घूरेगा फिर बोलेगा देखो भाई आप तो जानते हो आजकल बिना लिए दिय ऊपर काम नही होता जैसे खाली पानी से तेल के दिए नही जलते आप काम जल्दी चाहो तो कुछ दक्षिणा दे जाओ काम हो जायेगा या आपसे कहेगा कि कल,परसों,नरसों आ जाना काम हो जायेगा आप सुन कर आ गए तो जैसे अदालत में पेशी पर पेशी होती है पर झूंठ ओर सच का फैसला होने में आयु निकल जाती वैसे ही आज भ्रष्टाचार ने आम आदमी को भी भ्रष्ट कर दिया है।नागर ने कहा आज भारत ही नही सारी दुनियां में भ्रष्टाचार गुन की तरह हर दफ़्तर की दहलीज पर मौजूद है और इस देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को चौपट कर रहा है।कार्यालयों में स्थित सफेद और काले कपड़ो की आड़ में छिपे पवित्रता का तिलक लगाय हर जगह भ्रष्ट चेहरे मिल जायेंगे जिन्हें नमस्कार करनें में भी शर्म का अनुभव होता है।आज का मनुष्य जब तक नोकरी या पद नही पाता तब तक कई मन के मंदिरों और देवों के धर पे शीश झुकाता है मालिक उसके बोल सुन भी लेता है और उसे अधिकारी,कर्मचारी या चुनाव जितवा नेता अधिकारी बना भी देता या जीत हार के बाद किसी राजनीति पार्टी का जन सेवक बन जाता है परन्तु बनते ही गिरगट जैसे रंग बदल लेताजी बन जाता है और अपनों से ही धन रूपी कीड़े लेने लगता है।आज का मनुष्य जनता जनार्दन की गलती या ईश्वर कृपा से कुछ बन जाता है तो वो न्यायाधीश नही बन पाता बल्कि मायाधीश बन इस देश को ओर इस देश के भोले नागरिकों को मूर्ख बना उनका माल मुप्त खा रहा होता है।नागर ने कहा की बालकों,सेवार्थीयों मेरे जीवन के 56 साल पार होनें को हे में कागद लेखी नही कहता में आखन देखी कह रहा हूं आप सभी कल के भविष्य के नेता होगें,कर्मचारी या अधिकारी भी होगें तो आज ही अपना सत्यरूप देख भाग्य विधाता बन जाओ की आप आगे क्या,कैसे बन देश गड़ोगे या फिर आज के लोंगों की तरह भ्रष्टाचारी बन देश के विकास की कमर तोड़ोगे आप जानों।सत्यमेव जयते का नारा अशोक की लाट से लिया जो देश की राजकीय मुद्रा में अंकित है वो हर व्यक्ति की गवाही देता है बुरे कर्म व्यक्ति छुपकर करता है परन्तु वो यह भूल जाता है कि कोई नही तो दो आंखे स्वयं की ओर दो आंखे सामने वाले कि ओर तीसरी आंख ज्ञान की ओर चौथी आंख मीडिया की ओर पांचवीं आंख प्रकृति के पंच तत्वों की ओर छठी आंख विधाता की आपके कर्मों को देख रही है आप कितने ही बचो असत्य का मार्ग तुम्हे 32 साल ही फल देगा फिर कुनबा सहित आपके कर्मों का जहाज डूबेगा ही डूबेगा इसमें कोई आपको श्राफ दे या वरदान बचोगे नही।है भ्रष्टाचारी लोगों कर्मों का फल स्वयं आपको ही भोगना होगा आपके कर्मों को सगे समन्धी नही भोगेंगे इतिहास,पुराण कल्पना नही उनकी कहानियों को आप पढ़ कर पंडित तो बन जाओगे परन्तु ज्ञानी नही बनोगे तो हे राष्ट्रीय सेवा के सेवार्थी बालको ओर बालिकाओं हम सब राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े हुए व्यक्ति है हम सब को मिलकर पहले स्वयं सत्यवादी बन नींद से जगकर हर नागरिक को जगाना है और भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना है।छबड़ा के कार्यक्रम अधिकारी बाबू लाल सुमन ने कहा जब तक देश का आम आदमी स्वयं का कमाया ईमानदारी का अन्न ग्रहण नही करेगा तब तक भ्रष्टाचार नही मिटेगा आज मुप्त का राशन पानी हर घर की शान बनता जा रहा है जिसका ताजा उदाहरण आप समाचारों में रोज छपने वाली खबरों से जान सकते हो कि आज सत्यमेव जयते का कुनबा मात्र 15% रह गया है 85% व्यवस्था भ्रष्टाचारियों के हाथ चली गयीं है।हम स्वयं की आत्मा की पहचान भूल चुके है हम मानव से दानवता की ओर बढ़ रहे है उसका प्रमाण रोज हो रहे अपराध है आज कोई सुरक्षित नही है यह हालात कैसे ओर क्यों हुए जानना मुश्किल नही है।कहावत सुनी है जैसा खाआगे अन्न वैसा होगा मन,जैसा होगा मन वैसा होगा तन और तन का सहारा पाकर आपके द्वारा शुभ और अशुभ कर्म होते है हम राष्ट्रीय सेवा से इसलिए जुड़े है कि हम तन,मन ओर पवित्र कमाई के धन से राष्ट्र के नागरिकों की सेवा कर राष्ट्रसेवा करें हमारा प्रथम धर्म और कर्म राष्ट्रसेवा ही होना चाहियें।समापन पर कार्यक्रम अधिकारी नागर ने कहा कि हम सुधरेगें तो सुधरेगा संसार नागर ने कहा केंद्र और राज्य की योजनाओं का लाभ हमे तभी मिल सकता है जब हम जागरूक होगें ओर जिम्मेदार लोगों से सवाल जवाब करना सीखेगें तभी देश का पैसा आप तक पहुंचेगा जिन्हें आप चुनते है उनकी भी खेर खबर लेवें जिनसे उनकी आंख खुले लोकतंत्र में असली ताकत जनता के पास है लेकिन सावधान हर आंदोलन का हिस्सा बनने से पहले हितअनहित में स्व लाभ से ऊपर उठ परहित राष्ट्रहित ही अपनावें जिसमे राष्ट्र का भला हो क्योंकि राष्ट्र है तो हम है और हम है तो राष्ट्र है।हर प्रान्त में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के ऑफिस है एसीबी के फ्री टोल नंबर भी है आप भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाओ ओर भ्रष्ट व्यक्तियों को पकड़वाने में मददगार बनों लेकिन यह भी ध्यान रखना की कोई आपकी अबोधिता का फायदा उठा आपको माध्यम बना किसी निर्दोष को ना फसा देवें इसका पूरा ध्यान रख सर्व समाज को भ्रष्टाचार के विरूद्ध जागरूक करें।सच्चाई का मार्ग कांटो भरा अवश्य लगेगा परन्तु जो चलेगा आखिर वही हरिश्चंद्र बन देश का हीरो बनेगा।हमारे देश का सत साहित्य आज पूरा संसार पढ़ रहा है और हम आज स्वदेशी अंग्रेज बन देश लूटने में लगे है और इह लोक ही नही परलोक भी बिगाड़ रहे है।यह नही भूलना भ्रष्टाचार का अन्न कई पीढ़ियों को रोगग्रस्त कर देगा देश के भ्रष्टाचारियों सुधरों नही तो अब आपको इस देश के युवा सु नागरिक सुधार देंगें।कार्यक्रम अधिकारी नागर ने सेवार्थीयों को भ्रष्टाचार उन्मूलन जन जागरूकता संवाद में भाग लेनें के लिए आभार जताया और ईमानदारी से राष्ट्रसेवा के पथ पर चलते रहने का आवाह्न किया।
रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद
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