उत्तर प्रदेश(दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट-जिलाधिकारी शेषमणि पाण्डेय तथा पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल ने आज मस्जिदों के अध्यक्षों काजी तथा अन्य मुस्लिम भाईयों के साथ नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि आप लोग ‘सी ए ए‘ को क्या समझा उसमें मुस्लिम भाइयों ने बताया कि यह बिल में कोई समस्या नहीं है। जिलाधिकारी ने कहा कि जो यहां के नागरिक हैं चाहे वह हिंदू,मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि किसी भी धर्म का हो उन पर कोई कहीं प्रश्नचिन्ह नहीं है। यह एक्ट सिर्फ इसलिए बनाया गया है कि 31 दिसंबर 2014 तक जो लोग हमारे यहां आ चुके हैं उन्हें नागरिकता दिलाने की बात है। हमारा देश है हम यहां के निवासी हैं हम सब हिंदू मुस्लिम भाई-भाई हैं आम आवाम में यह फैलाने की बात है कि आपके लिए यह प्रनचिन्ह नहीं है कोई सुख सुविधाओं में आप लोगों की कमी नहीं है। किसी प्रकार के अफवाह में ना पड़े हम आप यहां की मिट्टी में पले बढ़े हैं। चित्रकूट धाम जैसी जगह पर अमन-चैन कोई व्यक्ति खराब ना करने पाए । हम आप सब लोगों की पूर्ण जिम्मेदारी है। आप लोगों की सुरक्षा व्यवस्था पर व्यवस्थाएं की गई है सब लोग अपनी रोजी-रोटी कमाए और अपना घर परिवार चलाएं किसी के बहकावे में ना आएं। आप लोग कल नवाज के समय मस्जिदों पर यह जरूर बताएं कि लोग नागरिकता संशोधन अधिनियम के किसी भी अफवाह पर ना पड़े नमाज अदा करके सीधे अपने घर जाएं चौराहे आदि पर भीड़भाड़ ना की जाए। किसी तरह के सोशल मीडिया की अफवाहों से बचे उसमें ना तो पोस्ट करें और ना ही रिफर करें इस एक्ट के बारे में लोगों को विस्तृत जानकारी दी जाए आपसी प्रेम भाईचारा बनाकर रहना है मजहब धार्मिकता को मानने वाले किसी भी व्यक्ति को इसमें कुछ नहीं है। राजनीति से हमें दूर रहना है और बच्चों को भी दूर रखना है किसी भी दशा में अमन-चैन भाईचारा को कायम रखना है। उन्होंने कहा कि यह कानून सिर्फ नागरिकता देने के लिए है किसी की नागरिकता छीनने का अधिकार इस कानून में नहीं है भारत के अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों का ‘सी ए‘ से कोई अहित नहीं है ना ही नागरिकों की नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह कानून किसी भी भारतीय हिंदू मुसलमान आदि को प्रभावित नहीं करेगा इस अधिनियम के तहत पाकिस्तान,अफगानिस्तान ओर बंगलादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से आये हिन्दू,ईसाई,सिक्ख,पारसी,जैन और बौद्ध धर्म को मानने वाले शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी जो 31 दिसंबर 2014 से पूर्व ही भारत में रह रहे हो तथा जो केवल इन तीन देशों से धर्म के आधार पर प्रताडि़त किए गए हो अभी तक भारतीय नागरिकता लेने के लिए 11 साल भारत में रहना अनिवार्य था यह कानून केवल उन लोगों के लिए है जिन्होंने वर्षों से बाहर उत्पीड़न का सामना किया और उनके पास भारत आने के अलावा और कोई जगह नहीं है हम आप सब भाईचारा की भावना से जनपद में अमन चैन कायम रखें।पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल ने कहा कि यूपी ही नहीं इस बिल को लेकर अन्य राज्यों पर भी जो घटनाएं हुई उसमें स्थानीय लोगों का हाथ नहीं है बाहर से लोगों ने आकर के भड़काने का काम किया है इस पर आप लोग कड़ी नजर रखें। जहां जिस जिले में हिंसा हुई उसमें बच्चों की चौराहों पर फोटो लगी है और वह किसी न किसी दिन पहचान में आएंगे और जो बाहर से लोग आए वह करके चले गए। लेकिन स्थानीय लोग फंसे हैं जिन पर कार्यवाही हो रही हैं। मदरसा में विषय वस्तु पर ही पढ़ाएं भावुकता में कोई बात ना करें किसी के दिमाग में कोई संशय नहीं रहना चाहिए। जिस संसद ने यह बिल बनाया है वह किसी जाति विशेष धर्म के हित में पारित नहीं किया गया है देश या प्रदेश में धारा 144 लागू है कोई भी धरना प्रदर्शन नहीं करेगा । यह पूर्णतया वर्जित है । उन्होंने मुस्लिम भाइयों से कहा कि कोई भी समस्या हो उसको बताएं तत्काल निस्तारण कराया जाएगा ।बैठक में अपर जिलाधिकारी जी0पी0 सिंह, जामा मस्जिद के अध्यक्ष मो0 नसीम कुरैशी, सचिव मोहम्मद लतीफ उर्फ शहजादे, शहर काजी सरफराज अहमद, मोहम्मद खान, मोहम्मद इरफान, अतीक अहमद, मोहम्मद फेजान, हबीब सिद्धकी सहित संबंधित लोग मौजूद रहे।
*रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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