उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) लखनऊ,20 फरवरी 2021 हर चीज के लिए इंटरनेट पर निर्भर मत रहें, ये आपको आलसी बनाता है। आपने टाइप किया और सर्च होकर आ गया। किताबों के पन्ने पलटते तो आपको ध्यान होता कि इस पेज पर वो चीज पहले से थी। इसलिए किताबों का साथ कभी मत छोड़िये। नेट पर बहुत से विकल्प हैं जिससे भ्रमित भी हो सकते हैं, लेकिन भ्रमित न होकर अपनी तैयारी पर फोकस करना है। सफलता के यह टिप्स शनिवार को आयकर विभाग के डिप्टी कमिशनर मोहित निगम ने छात्र-छात्राओं को दिए। वह लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में अभ्युदय योजना के अंतर्गत छात्रों को पढ़ा रहे थे। क्लास की शुरुआत डिप्टी कमिशनर मोहित निगम ने छात्रों से एक सवाल पूछने के साथ की। कहा, सभागार में कितने छात्रों को मैथ्स में परेशानी होती है, सामने से आधे से ज्यादा विद्यार्थियों ने हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि बैंक, सिविल सर्विसेज से लेकर किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में मैथ्स से जुड़े प्रश्न जरूर आते हैं। इसलिए बेसिक गणित समझनी जरूरी है। हर चीज के लिए गुणा भाग की जरूरत न पड़े, एक से 25 तक की संख्या के क्वायर, क्यूब, 20 तक पहाड़े सहित छोटी-छोटी जानकारी झटपट आंसर निकलेगा। उन्होंने कहा कि परीक्षा में समय कम होता है, इसलिए अच्छे प्रश्न चयनित करने होंगे। क्योंकि परीक्षक जानबूझ कर कुछ ऐसे सवाल रखते हैं ताकि आप उसमें उलझें। किसी भी शिक्षक पर निर्भर मत होइए। सेल्फ स्टडी करें,उसका कोई तोड़ नहीं है। क्लास लेने पहुंचे डीएफओ डा. रवि सिंह ने छात्र-छात्राओं को तैयारी के तरीके बताए। कहा कि जिस किसी विषय का अध्ययन करें तो उसका मनन जरूर करें। विषय याद रहेगा और कान्सेप्ट को एक बार समझ लेंगे तो उससे जुड़े प्रश्नों का आसानी से जवाब दे सकेंगे। प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्नों की विविधता बहुत अधिक विस्तृत होती है। सिविल सेवा परीक्षा में आपसे कुछ भी पूछा जा सकता है। हालांकि कोर्स संक्षिप्त है। प्रश्न संक्षिप्त नहीं दिखते। उन्होंने कहा कि उन किताबों को न छोड़िये जिन्हें 12वीं में पढ़ा है। ये आधार बनेंगी। एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) की रेफरेंस बुक पढ़िए। नीट, जेईई, सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षाओं में यह जरूरी है। इनके परीक्षक एनसीईआरटी को रेफरेंस बुक के रूप में देखते है, उसी से प्रश्न बनते हैं। एनसीईआरटी के कालम भी विशेष ध्यान देने जरूरी है। अध्याय खत्म होने के बाद जो प्रैक्टिस को भी पढ़ें। अच्छे से इन किताबों को पढ़ना जरूरी है। कला संकाय के अभ्यर्थियों के लिए यह बहुत जरूरी है ।
रिपोर्टर सिद्धार्थ त्रिवेदी रायबरेली
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