उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) मछलीशहर,जौनपुर तहशील मछलीशहर के रसूलपुर गांव के अशोक मुसहर को सन 1976 में खाता नम्बर 648/97हे0 पर एक कृषि पट्टा उसके पिता मुख्तार के नाम आवंटित किया गया था। वरासत में दर्ज होने के पश्चात अशोक अपने आवंटित पट्टे वाली जमीन पर कब्जा पाने के लिए आधा दर्जन बार जिलाधिकारी से लेकर उपजिलाधिकारी तक शिकायत दिया लेकिन विपक्षी लोगों द्वारा हर बार राजस्व प्रशासन को मिलाकर मामले में लीपापोती कर दी जाती थी।
इस बार अशोक मुसहर ने दिनांक 18/2/21 को अपने अधिवक्ता के माध्यम से पुनः एक प्रार्थना पत्र उपजिलाधिकारी मछलीशहर अंजनी कुमार सिंह को दिया जिस पर एसडीएम ने क़ानूनगो, लेखपाल को आदेशित करते हुए आख्या मांगी।
हल्का लेखपाल द्वारा मौक़े पर जाकर पीड़ित अशोक मुसहर से 2000/- रुपए निस्तारण कर पक्ष में रिपोर्ट लगाने के नाम पर वसूल लिया लेकिन कोई संतोषजनक कार्यवाही न करके मूल शिकायत को संलग्न खतौनी सहित फाड़ कर तहसील परिसर में फेंक दिया।
फ़टे हुए शिकायत की मूल कापी समाधान दिवस पर आए किसी व्यक्ति को मिली तो उसने गांव का नाम देखकर पीड़ित को मीडिया के माध्यम से सूचना दिया।
पीड़ित व्यक्ति द्वारा मीडिया के माध्यम से समाधान दिवस में जाकर उक्त फ़टे प्रार्थना पत्र को समाधान दिवस पर आए अधिकारियों को दिखाया और समस्या से अवगत कराया लेकिन उक्त अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्यवाही न करते फिर कार्यवाही का आश्वासन दे दिया।
सूत्रो की मानें तो यह मछलीशहर के एसडीएम और तहशीलदार की अपने स्वाभाविक गुणों का परिचय देते हुए जिलाधिकारी की कार्यवाही के नाम पर आश्वासन ही दिया करते हैं।
उप जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह की घोर लापरवाही के चलते तहसील के राजस्व कर्मचारी मनमानी ढंग से काफ़ी हद तक अपने मुंशियों बक सहारे वसूली कर रहें हैं और मामला उजागर होने पर प्राइवेट मुंशी किसी विभाग में अधिकृत न होने के कारण कार्यवाही से बच जाते है।
नेशनल एडिटर अभिषेक शुक्ला
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