उत्तर प्रदेश( राष्ट्रीय दैनिक कर्म भूमि)रायबरेली मैं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के विपरीत जिला प्रशासन ने 3 मार्च को भी खबर लिखे जाने तक सीटों के आरक्षण का प्रकाशन नहीं किया है। इससे पूर्व यह प्रकाशन 2 मार्च को जारी होना था। लेकिन मंगलवार को तहसील दिवस होने के कारण देर रात तक प्रकाशन नहीं होने से लोगों को बुधवार को सीटों का आरक्षण तय होने की पूरी उम्मीद थी। जिसे लेकर सुबह से ही जिले भर में लोग अपने अपने क्षेत्र में सीटों के आरक्षण को जानने की कोशिश में लगे रहे। लेकिन देर रात तक पंचायत चुनाव को लेकर सीटों के आरक्षण पर कोई फैसला सामने नहीं आ सका। स्वयं पंचायती राज विभाग के उच्चाधिकारी इस मामले को लेकर कुछ भी बता पाने की स्थिति में नहीं थे। जिसे लेकर पूरे जनपद में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। कुछ लोग इसे सीटों का आरक्षण तय करने में भ्रष्टाचार तो कुछ जिला प्रशासन पर काम के बोझ का दबाव मानकर चल रहे थे। बहरहाल एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के महानगर वाले जनपदों में भी आरक्षण का प्रकाशन 2 मार्च को ही हो चुका है तो वहीं दूसरी तरफ एक छोटे से जनपद रायबरेली में सीटों का आरक्षण तय करने में चल रही उठापटक से जिला प्रशासन पर तरह-तरह के सवालिया निशान लग रहे हैं। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर जिला प्रशासन की कौन सी ऐसी मजबूरी है जो उन्हें चुनाव आयोग जैसी स्वतंत्र और निष्पक्ष संस्था के निर्देशों का उल्लंघन करने पर मजबूर कर रही है।
रिपोर्ट जिला कार्यालय प्रभारी निरंजन मौर्य रायबरेली उत्तर प्रदेश
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