उत्तर प्रदेश( राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि)कानपुर की पुलिस पुलिस अधिनियम एक्ट – रेगुलेशन के अंतर्गत थाना कल्याणपुर के इंस्पेक्टर जनार्दन प्रताप सिंह उच्च आला अधिकारियों की जांच में दोषी पाए गए मगर इंस्पेक्टर जनार्दन प्रताप सिंह के ऊपर 154 सीआरपीसी दंड संहिता के अंतर्गत विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रथम दृष्टा चरण में अभियोग पंजीकृत स्थानीय थाने पर नहीं किया गया जोकि धारा- 411 के अंतर्गत रुपयों की बरामदगी/ वापसी भी साबित हो गई वह विभागीय द्वारा निलंबित भी किए जा चुके हैं इंस्पेक्टर जनार्दन प्रताप सिंह थाना बाबू पुरवा में धारा -420 का मुकदमा लिखने के लिए रजिस्टर्ड डाक द्वारा दिनांक 29-1-2021 को तहरीर थाने में जाकर स्वयं पत्रकार ने तहरीर दी मगर मुकदमा न लिखने के लिए भू माफिया से मोटी रकम ली और मुकदमा पंजीकृत नहीं किया उच्च अधिकारियों से अनुरोध है उस प्रकरण में भी बिंदु को दे रखते हुए स्वता जांच कराई जाए सच सामने उजागर हो जाएगा या तो इनकी कार्यशैली अत्यंत शोभिनी रही है या स्वयं विभाग जान गया है एक आम इंसान अगर ऐसा कृत करता है तो उसके ऊपर भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत त्वरित मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया जाता है मगर जहां विभागीय अधिकारियों के सामने अपने ही विभाग के इंस्पेक्टर दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ स्थानीय थाने पर मुकदमा पंजीकृत क्यों नहीं हुआ जो कि कानपुर में श्री अरुण असीम कमिश्नरेट लागू होने को उपरांत भी कानून को ताक पर क्यों रखा जा रहा है या बड़ा ही जांच का विषय बना हुआ है अब देखते हैं कि कानपुर के कमिश्नरेट श्री अरुण असीम जी द्वारा विभागीय इंस्पेक्टर के ऊपर क्या मुकदमा पंजीकृत होगा थाना बाबू पुरवा में पूर्व में तैनात रहे इस्पेक्टर जनार्दन प्रताप सिंह ने भूमाफिया हँसीनुजमा अन्सारी से मोटी रकम खाते रहे व पत्रकार को मनोरोगी लिखा गया उस उप निरीक्षक सुरेंद्र कुमार यादव को भी बचाते रहे वह मुख्यमंत्री पोर्टल पर उल जलूल आख्या प्रेषित करते रहे उच्च आला अधिकारियों को
रिपोर्ट नेशनल हेड राजेश कुमार मौर्य कानपुर उत्तर प्रदेश भारत
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