विद्यालय प्रबन्धन अभिभावकों को शुल्क में राहत ,शिक्षकों/ कर्मचारियों को वेतन देकर आपदा मे मानवता दिखाएं व शासनादेश का पालन करें-जिलाध्यक्ष संतोष तिवारी

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) कानपुर।आल नोएडा स्कूल पैरंट्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष संतोष तिवारी ने निजी स्कूल संचालक एसोसिएशन द्वारा शुल्क ना दिए जाने की स्थिति में छात्रों को स्कूल से बाहर किए जाने की बात कहे जाने पर अफसोस व नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि शासन के निर्देश हैं कि किसी भी छात्र को ऑनलाइन कक्षाओं से वंचित नहीं किया जा सकता न ही विद्यालय से नहीं निकाला जा सकता तथा शासनादेश में यह भी कहीं नहीं लिखा गया है कि अमीर और गरीब में भेद करना है क्योंकि यह शिक्षण संस्थाओं में सामाजिक मूल्यों की दी जाने वाली शिक्षा के विपरीत होगा। महामारी के चलते उत्पन्न आर्थिक संकट में मध्यम वर्गीय एवं व्यापारिक लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया है ऐसा शायद ही कोई परिवार हो जिसमें करोना के चलते कोई न कोई अस्वस्थ ना हो। उन्होंने यह भी कहा की शैक्षिक संगठन से जुड़े होने के नाते संगठन के पास ऐसी भी जानकारियां है कि प्राइवेट विद्यालयों द्वारा वहां कार्यरत शिक्षकों को भी कोरोना काल का पूरा वेतन नहीं दिया गया,जबकि अभिभावकों द्वारा बताया जाता है की देर सबेर व येन-केन प्रकारेण विद्यालय प्रबंधनो ने अभिभावकों से शुल्क ले ही ले लिया गया हैं और विद्यालय संचालकों द्वारा सरकार से विद्यालय संचालित ना होने की स्थिति में बिजली व पानी का बिल मे व हाउस टैक्स में रियायत दिये जाने की मांग की जाती है। अतः प्रथमतः तो विद्यालय प्रबंधन को शासनादेश को सर्वोपरि मानकर उसका अनुपालन करना ही होगा वही दूसरी ओर शासनादेश से भी मानवता को सर्वोपरि रखकर करोना काल में जिस प्रकार तमाम सामाजिक संस्थाएं व आर्थिक संपन्नजन लोगों को भोजन,दवाइयां एवं अन्य मदद कर रहे हैं। उसी प्रकार आर्थिक संपन्न परिवारों द्वारा समाज को कुछ देने के उद्देश्य से संचालित शैक्षिक संस्थाओं के माध्यम से अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते अभिभावकों को शुल्क में रियायत दी जानी चाहिए एवं शिक्षकों को भी पूरा वेतन देकर राहत देनी चाहिए व अपने परिवार का समझ कर मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के इस महंगाई के दौर में शिक्षण संस्थाओं का संचालन सामान्य व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता ऐसी संस्थाओं का संचालन संपन्न परिवारों द्वारा समाज से ही सहयोग लेकर किया जा सकता है और किया भी जा रहा है जिसके लिए संगठन व समाज उनका आभार भी प्रकट करता है। जिलाध्यक्ष ने यह भी बताया कि शासनादेश में सत्र 2021-22 में शुल्क वृद्धि ना किए जाने व समायोजित किए जाने तिमाही अग्रिम शुल्क के स्थान पर मासिक शुल्क लिए जाने परीक्षा शुल्क ना लिये जाने के साथ-साथ क्रीडा, विज्ञान लाइब्रेरी, कंप्यूटर एवं वार्षिक उत्सव मद में लिए जाने वाले शुल्क ना लिए जाने के आदेश जारी किए हैं किंतु विद्यालयों द्वारा इन मदो को स्पष्ट ना कर अपनी वेबसाइट पर अद्यतन अपलोड ना किए जाने व कम्पोजिट शुल्क लिए जाने से अभिभावकों को इन मदों में लाभ मिलना मुश्किल है।अतः एसोसिएशन सरकार से यह मांग करेगी कि विद्यालयों द्वारा लिए जा रहे शुल्क को मदवार स्पष्ट कराया जाए व इसकी जानकारी विद्यालय की वेबसाइट पर अनिवार्य से अभिभावकों को दी जाय तभी अभिभावकों को इसका पूरा लाभ मिल सकेगा। जिलाध्यक्ष ने मांग की है कि जिला विद्यालय निरीक्षक विद्यालयों से विवरण प्राप्त कर अभिभावकों को शासनादेश का लाभ दिलाएं व शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का वेतन भुगतान सुनिश्चित करायें। जिलाध्यक्ष ने अभिभावकों का भी आवाहन किया है की विद्यालयों द्वारा यदि शासनादेश के क्रम में उन्हें लाभ नहीं दिया जा रहा है तो तो वह जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक अथवा संगठन को साक्ष्य सहित अवगत कराएं जिससे उनकी समस्या का निदान किया जा सके।

संवाददाता आकाश चौधरी कानपुर