उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय(दैनिक कर्मभूमि)चित्रकूट। जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल ने आज नेत्रहीनों के विकासार्थ सामाजिक संस्थान कर्वी चित्रकूट की स्थापना दिवस (15 अक्टूबर) के अवसर पर शंकर बाजार कर्वी में उपस्थित होकर छात्राओं के उत्साह को बढ़ाया। सर्वप्रथम जिला अधिकारी ने प्रशिक्षण कक्ष, भोजनालय, विश्राम कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष लाइब्रेरी में 2 बच्चों आशा व कौशल्या के द्वारा ब्रेल लिपि में पढ़कर सुनाया गया एवं इसके पश्चात स्वरोजगार कक्ष का उद्घाटन किए जिसमें छात्राओं द्वारा दृष्टि पूजन सामग्री, लिफाफा, मोमबत्ती, धूप बत्ती, मिठाई के डिब्बे, अगरबत्ती, गिफ्ट पैक, हल्दी धनिया पाउडर, गरम मसाला, दलिया आदि को बनाया जाता है को देखा। इसके पश्चात ब्रेन स्मारक पर माल्यार्पण किये एवं होम मैनेजमेंट कोर्स भी देखें। तत्पश्चात जिलाधिकारी के स्वागत में छात्राओं ने स्वागत गीत गाया। जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम विजयदशमी के पर्व पर सभी को शुभकामनाएं एवं बधाइयां दिए उन्होंने कहा कि इस संस्थान को 27 साल हो गए हैं इस संस्थान में दो बच्चों के साथ शुरुआत हुई जो आज 150 बच्चों की संख्या पहुंच गई है उन्होंने कहा कि यह साहस एवं उत्साह विजयदशमी का रूप है जो आज आगे बढ़े हैं। संस्था के लोग बच्चों को स्वावलंबी बनाया जिससे कि आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि यह ज्ञान हमारे परिवार समाज से मिलता है कि किस प्रकार आगे बढ़ा जा सके। उस प्रतिभा को पहचान हमारा कार्य है सामान्यतः हम अपने बारे में सोचते हैं लेकिन हम यह दायरा हटा ले तो औरों को मौका मिलता है। यह बहुत ही सराहनीय कार्य है कि छात्राओं को प्रशिक्षण कार्य कराया जा रहा है उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए यह एक अच्छा प्रयास है। यहां आपको अच्छा माहौल मिल रहा है आपके प्रशिक्षण भी अच्छे हैं तो आप आगे बढ़े। अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक रखें नकारात्मक नहीं। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर की दक्षता हासिल करें जिससे कि कहीं पर आप अपना स्वरोजगार एवं नौकरी कर सके। आप अपनी प्रतिभा को पहचानिए उन्होंने कहा कि नौकरी तो सब कर लेते हैं लेकिन मानवता को विकसित करना बड़ी बात है। सेवा सद्भावना मित्रता सभी जीवन में जरूरी है सबकी कल्याण के साथ अपनी दिनचर्या को बदलना है। प्रशिक्षण के लिए आए सेवा के लिए जाएंगे यह मेरी कामना है। इसके पश्चात संस्था के संस्थापक शंकर लाल गुप्त ने बताया कि इस संस्था का स्थापना 1995 में दो बच्चों के साथ हुई इस समय 150 बच्चे हैं पहली से आठवीं के बच्चों को ब्रेल लिपि में प्रशिक्षण देते हैं। यह सभी बच्चे कंपटीशन में भाग लेते हैं पूरे देश भर के दृष्टिहीन छात्राओं का प्रशिक्षण के लिए आते हैं। गुप्त ने कहा कि छात्राओं के प्रशिक्षण की आवश्यकता है जिससे कि प्रखर हो सके। उन्होंने कहा कि दृष्टिहीन को दया कि नहीं सहयोग चाहिए जिससे कि आत्मनिर्भर हो सके। इस अवसर पर संस्था के द्वारा जिलाधिकारी ने गीता एवं रानी को पाच/पाच हजार लोन के लिए दिए गए जिससे कि वे स्वरोजगार कर सके। इस अवसर पर संस्था के संस्थापक शंकरलाल गुप्त एवं सामाजिक कार्यकर्ता पंकज अग्रवाल एवं संस्था से संबंधित कर्मचारी गण उपस्थित थे।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
You must be logged in to post a comment.