उत्तर प्रदेश (राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि) जौनपुर
जौनपुर(मुंगरा बादशाहपुर)। शासन के लाख प्रयास के बाद भी बाल विकास पुष्टाहार अंतर्गत चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र भ्रष्टाचार के मकड़जाल में दम तोड़ती नजर आ रहे हैं। ग्रामीणों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। आरोप है कि मुख्य सेविकाओं और कार्यकत्रियों की मिलीभगत से कागजों पर बेहतरी दिखाकर धन का बंदरबांट किया जा रहा है। विकासखंड मुंगरा बादशाहपुर के अंतर्गत बाल विकास पुष्टाहार योजना अंतर्गत चलाए जा रहे 81 आंगनबाड़ी केंद्रों में कुछ केंद्रों को छोड़कर सभी भ्रष्टाचार के मकड़जाल में दम तोड़ रहे हैं। गर्भवती महिलाओं किशोरियों व धात्री को मिलने वाला पोषाहार तथा ₹200 प्रति छात्र के हिसाब से दलिया ,खिचड़ी बनाने के लिए दिया जाने वाला धन भी बंदरबांट की भेंट चढ़ गया है। बताया जा रहा है कि प्रत्येक केंद्र पर मुख्य सेविका के सहयोग से फर्जी तरीके से बच्चों का नाम दर्ज करके 80 से 90% उपस्थिति दिखा जा रही है। जबकि सच्चाई यह है कि एक-दो आंगनबाड़ी केंद्रों को छोड़कर अन्य सभी केंद्रों पर बच्चों की संख्या पंजीयन के सापेक्ष दसवां भाग भी नहीं रहती है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रति आंगनबाड़ी केंद्रों से कुछ धन भी प्रति माह लिया जा रहा है। कहीं ना कहीं गर्भवती महिलाओं किशोरियों धात्री व बच्चों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है वहीं मुख्य सेविकाओं व कार्यकत्रियों मालामाल हो रही है। वही हाल में ही विकासखंड क्षेत्र के गांव सरोखनपुर में समूह की अध्यक्ष सुमन बिंद व सदस्य उर्मिला देवी ने आंगनबाड़ी की मुख्य सेविका पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बताया कि जब हम लोग पोषाहार लेने जाते हैं तो हमसे रजिस्टर पर प्राप्त मात्रा का सिग्नेचर धोखे से ले लिया जाता है लेकिन सभी बोरियों में से तीन से चार पैकेट कम होता है किस की शिकायत कई बार हमने मुख्य सेविका से की लेकिन उन्होंने समस्याओं को सुनने के बजाय मानसिक रूप से दबाव डालकर चुप रहने की धमकी दी जाती है। जिसको लेकर पूरे विकासखंड क्षेत्र में हड़कंप मच गई। फिलहाल उपयुक्त रतलाम की जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।
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