राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) छीपाबड़ौद क्षैत्रिय विधायक व पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने राज्य सरकार से नगर निगम, नगर परिषद व नगरपालिकाओं के मेयर, सभापति, अध्यक्षों की वित्तीय शक्तियां व अधिकार बढ़ाए जाने व पार्षदों के मानदेय में वृद्धि किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में शासन जनता का होता है और उसे जनता के लिए जनता के द्वारा संचालित किया जाता है। भारतीय संविधान सहभागी लोकतंत्र के सिद्धांत पर आधारित है। शासन व्यवस्था में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों द्वारा चुनाव के माध्यम से प्रतिनिधि का चयन किया जाता है। संविधान की यह मान्यता है कि जनता के चुने हुए प्रतिनिधि की इच्छा व आकांक्षा के अनुरूप संविधान सम्मत शासन का संचालन व नीतियों का निर्धारण इस प्रकार हो कि प्रत्येक व्यक्ति को अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये शासन को हर स्तर पर जनता के प्रति जबावदेह होना आवश्यक है।सिंघवी ने कहा कि स्थानीय निकायों को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए नगर निगम, नगर परिषद और नगरपालिकाओं के मेयर, सभापति, अध्यक्षों की वित्तीय शक्तियां व अधिकारों में सरकार को बढ़ोतरी करनी चाहिए साथ ही पार्षदों के मानदेय में वृद्धि की जानी चाहिए। नगर निगम, नगर परिषद और नगरपालिकाओं के कार्य व कर्तव्य नागरिकों से सीधे जुड़े हुए हैं।
संवाददाता कुलदीप सिंह सिरोहिया राजस्थान
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