उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि)चित्रकूट। मादक पदार्थों में मिलावट खोरी, पैकारी व अवैध बिक्री पर पुलिस प्रशासन काफी सख्ती से नजर गड़ाए हुए है जिसके चलते शराब माफियाओं की मनमानी पर काफी हद तक लगाम लगी हुई है जिसके चलते शराब माफियाओं में काफ़ी गिरावट देखने को मिल रही है
नवागंतुक पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा के कार्यभार ग्रहण करने के बाद से ही पुलिस प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा शराब माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ दिया गया है पुलिस प्रशासन की ताबड़ तोड़ कार्यवाही व अवैध शराब की बरामदगी व कच्ची शराब का व्यापार करने वाले शराब माफियाओं की कमर टूट गई है कई शराब माफिया शराब का कारोबार छोड़ चुके हैं और जो शराब माफिया बचे हुए हैं वह भी भूमिगत हो रहे हैं जिसके कारण जिले में अवैध शराब व कच्ची शराब का व्यापार पूरी तरह ठप्प होने की कगार पर खड़ा है ।
जिले में गत वर्षों पूर्व कच्ची शराब व मिलावटी शराब का कारोबार बड़ी मात्रा में किया जाता था लेकिन पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी व ताबड़ तोड़ कार्यवाही से शराब माफियाओं की कमर टूट गई है जिसके चलते जिले में अवैध शराब का कारोबार पूरी तरह बंद होने की कगार पर खड़ा है ।
वहीं खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की मनमानी के चलते खाद्य पदार्थों में मिलावट खोरी का कारोबार बड़ी मात्रा में किया जा रहा है जिसको खाकर आम आदमी मौत के द्वार पर पहुंचता दिखाई दे रहा है ।
खाद्य पदार्थों में खोया, पनीर, दूध, तेल व अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट खोरी बड़ी मात्रा में की जा रही है जिसमें कार्यवाही के नाम पर सिर्फ लीपापोती की जा रही है ।
जिले में तम्बाकू मिश्रित गुटखे का कारोबार बड़ी मात्रा में किया जा रहा है वहीं गुटखा माफिया अपनी मनमानी करते हुए धड़ल्ले से अवैध फैक्ट्रियों का संचालन करते हुए तम्बाकू मिश्रित गुटखा बनाने का काम कर रहे हैं व उन तम्बाकू मिश्रित गुटखों को धड़ल्ले से जिला मुख्यालय सहित जिले के अन्य ग्रामीण इलाकों में बेचने का काम कर रहे हैं ।
तम्बाकू मिश्रित खाद्य पदार्थों की बिक्री पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय व सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है जिसको लेकर बड़े गुटखा कारोबारियों ने तम्बाकू मिश्रित गुटखा बनाना बंद कर दिया है लेकिन चित्रकूट जिले के गुटखा माफिया माननीय सर्वोच्च न्यायालय व सरकार के निर्देशों का खुला उलंघन करते हुए मनमाने तरीके से तम्बाकू मिश्रित गुटखे का व्यापार बिना किसी भय के कर रहे हैं व जिला मुख्यालय सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में तम्बाकू मिश्रित गुटखा बेचने का काम कर रहे हैं ।
वहीं खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इन गुटखा माफियाओं के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है जिसके चलते यह अपनी मनमानी करते हुए नजर आते हैं वहीं जब शिकायत कर्ताओं द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों से तम्बाकू मिश्रित गुटखे व अवैध गुटखा फैक्ट्रियों के बारे में शिकायत की जाती है तो खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा शिकायत कर्ताओं के नाम का खुलासा करते हुए गुटखा माफियाओं से सीधे रंजिश कराई जाती है जिसके कारण यह दबंग गुटखा माफिया किसी भी क्षण शिकायत कर्ता को जानमाल का खतरा उत्पन्न कर सकते हैं ।
अब देखना यह है कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावट खोरी व तम्बाकू मिश्रित गुटखो सहित अवैध रूप से संचालित गुटखा फैक्ट्रियों पर लगाम लगाने का काम किया जाएगा व कब खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यवाही से गुटखा माफियाओं की कमर टूटेगी यह एक बड़ा सवाल है ।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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