उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय(दैनिक कर्मभूमि)चित्रकूट।संजीवनी फाउंडेशन के संस्थापक रविंद्र गौतम पाठा क्षेत्र के निवासियों से संवाद कर उनसे उनकी दैनिक जीवन में आने वाली समस्याओं को सुन रहे हैं तथा उनको बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। गाँव के बच्चों और उनके अभिभावकों को शिक्षा का महत्व समझा रहे हैं कि शिक्षा की बदौलत वो अपना, गाँव का और देश का भविष्य बदल सकते हैं, इसलिए बच्चों को विद्यालय पढ़ने के लिए भेजें।
ज्ञात हो कि पाठा क्षेत्र के बच्चे शिक्षा का महत्व नहीं समझते हैं और इसीलिए विद्यालय जाने से कतराते हैं और बड़े होकर मजदूरी करते हैं या रिक्शा चलाते हैं। गौतम का कहना है कि जब तक इनकी सोच में परिवर्तन नहीं आएगा तब तक न तो इनका विकास सम्भव है न गाँव का, इसीलिए निरंतर संवाद जरूरी है। बताया कि संस्था ने टिकुरी गाँव के निवासियों को रात्रि भोज भी कराया। जिसमें सभी को आलू-पूड़ी और हलवा परोसा गया। यह आयोजन एक बच्ची को सूखी रोटी खाते हुए देखने पर किया गया। इसके अलावा लोगों को दाल, सोयाबीन की बड़ियां, सैनिटेरी नैप्किन के साथ कपड़े भी बाँटे गये। इसी प्रकार ऊँचा डीह में भी अमरपुर गाँव में संस्था ने कुपोषण से लड़ने के लिए प्रोटीन युक्त दाल, सोयाबीन की बड़ियां और सैनिटेरी नैप्किन वितरित किये। अमरपुर के ही एक दुर्घटना में विकलांग हुये एक युवक को व्हील चेयर भी प्रधान की। संस्था ने महिलाओं को मासिक धर्म में स्वच्छता की उपयोगिता और सैनिटेरी नैप्किन के इस्तेमाल के लिए टिकुरी और अमरपुर में विडीओ कान्फरेंसिंग के द्वारा एक कार्यशाला आयोजित करायी और इसमें गाँव की महिलाओं ने भाग लिया और कहा इससे उनके जीवन में लाभ होगा। बताया कि उनकी टीम प्रत्येक माह 700 किलोमीटर की यात्रा तय करकर इन गावों में पहुँचते है और उनका कहना है कि गाँव के विकास के बिना देश का विकास सम्भव नहीं क्योंकि देश की अधिकतम जनसंख्या गावों में ही रहती है।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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