*वेतन में चूक की दशा में 6 माह सजा का प्रावधान-उदयराज मिश्र*

राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) अंबेडकर नगर
अम्बेडकर नगर।सूबे के जिला विद्यालय निरीक्षकों द्वारा मई माह का वेतन अबतक शिक्षकों व कर्मचारियों को भुगतान न किये जाने से वेतन वितरण अधिनियम 1971 के प्रावधानों के तहत 6 माह की सजा और एक हजार रुपये बतौर अर्थदंड उनपर आरोपित की व्यवस्था है।यह बात राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ क़े अयोध्यामण्डल अध्यक्ष उदयराज मिश्र ने आज व्यक्त किये।
ज्ञातव्य है कि विगत 19 मई को सूबे के शिक्षाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रदेश की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला द्वारा मौखिक रूप से वर्ष 30 दिसंबर 2000 के पश्चात नियुक्त व कार्यरत तदर्थ शिक्षकों के वेतन भुगतान को बाधित करने के निर्देश दिए गए थे।जिसके क्रम में पहले प्रयागराज और बाद में हरेक जिलों के डीआईओएस ने वेतन अवरुद्ध करने के हुक्म जारी किये थे,जिन्हें कि बाद में पत्यहृत भी कर लिया गया।दिलचस्प बात तो यह है कि जिला विद्याकय निरीक्षकों ने सभी शिक्षकों व कार्मिकों के वेतन भुगतान हेतु जून महिनेवकी बीस तारीख के बाद शिक्षा निदेशक से मार्गदर्शन मांगा है,जोकि वेतन वितरण अधिनियम के विपरीत कृत्य होने से उन्हें जेल की हवा भी खिला सकता है।
गौरतलब है कि वेतन वितरण अधिनियम 1971 की धारा 3(1),(2),(3) व धारा 5 व धारा 10 के तहत स्प्ष्ट प्रावधान हैं कि प्रबन्धाधिकरण व जिला विद्यालय निरीक्षक हरहाल में किसी महीने का वेतन अगले महीने की बीस तारीख या उससे पहले किसी तिथि को शिक्षकों व कर्मचारियों के खातों में अंतरित करने हेतु बाध्य होंगें।ऐसा न होने पर उन्हें अपने कर्तव्यों व दायित्वों में शिथिल मानते हुए अधिमियम की धारा 11 के अंतर्गत 6 माह की सजा और एक हजार रुपये अर्थदंड आरोपित करने का प्रावधान है।जेल जाने और अर्थदंड से बचने की कोई ठोस वजह बताक़र चूक की दशाओं में न्यायालय से सजा माफी की दरख्वास्त की जा सकती है किंतु मौजूदा सूरतेहालों में ऐसी कोई ठोस वजह नहीं दिखती क्योंकि अपर मुख्य सचिव के मौखिक आदेश को बतौर साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जा सकता।अतएव किसी भी व्यक्ति,सङ्घ या शिक्षक के न्यायालय में जाने पर जिला विद्यालयों की गर्दन अवश्य फंसेगी।
वेतन में देरी के विषय में उक्त शिक्षक प्रतिनिधि ने कहा है कि 7 जुलाई तक इंतजार करने के बाद अधिनियम की रक्षा हेतु माननीय न्यायालय में अपील करने पर विचार किया जाएगा।श्री मिश्र ने अपर मुख्य सचिव के मौखिक आदेश को निराधार मानते हुए जिला विद्यालय निरीक्षकों से अबिलम्ब वेतन भुगतान करने की मांग की है,अन्यथा की स्थिति में महासंघ हर सम्भव प्रयास करते हुए अधिनियम में वर्णित प्रावधानों का अनुपालन कराने को बाध्य होगा।

रिपोर्ट-विमलेश विश्वकर्मा ब्यूरो चीफ अंबेडकरनगर