चित्रकूट: जिलाधिकारी अभिषेक आनन्द की अध्यक्षता में जनपद में संचालित वृद्धजन आश्रम के संचालन के संबंध में एक आवश्यक बैठक बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई।
जिला समाज कल्याण अधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि जनपद में वृद्धजन आश्रम की स्थापना वर्ष 2015-16 में हुई थी। जिसमें 60 वर्ष के ऊपर के असहाय एवं निराश्रित वृद्धजनों को रखे जाने की व्यवस्था है। इस बृद्धजन आश्रम में 150 वृद्धजनों की क्षमता के अनुसार इस समय 88 वृद्धजन निवासरत है। वृद्धा आश्रम में सीसीटीवी कैमरा, शौचालय, प्रकाश, पेयजल, भोजन, मनोरंजन के साधन आदि सभी सुविधाएं उपलब्ध है। जिलाधिकारी ने जिला समाज कल्याण अधिकारी से कहा कि वृद्धजनों के परिवार के जो बेटे बहू मिलने आते हैं तो उनसे संवाद स्थापित करें कि आप लोग घर में क्यों नहीं रखते हैं, सभी वृद्धजनों का चेक कराएं कि कितने लोगों के बेटे बहू हैं ताकि उनके परिवार वालों से संपर्क करके उनके घर भेजा जा सके। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा है कि वृद्धा आश्रम में जो असहाय एवं निराश्रित है उन्हीं को ही रखे जाने की व्यवस्था है। उन्होंने संस्था संचालक से कहा कि संचालन में जो भी धनराशि खर्च करें उसका आय-व्यय का ब्यौरा अवश्य रखा जाए। समाचार पत्र व पुस्तकों की व्यवस्था रहे। सीसीटीवी कैमरे संचालित रहे, टीवी भी लगाई जाए। जिन वृद्धजनों की चिकित्सीय सुविधा की आवश्यकता हो तो उन्हें जिला अस्पताल भेजकर स्वास्थ्य लाभ दिलाया जाए। बिजली न रहने पर जरनेटर अवश्य चलाया जाए। मेन्यू के अनुसार भोजन उपलब्ध कराया जाए तथा खाना की क्वालिटी समिति के सदस्य एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी अवश्य चेक करें। उन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारी से कहा कि संस्था का भुगतान समिति से संस्तुति कराकर कराएं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरके चैरिहा को निर्देश दिए कि सभी वृद्धजनों के आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाए जाएं। एक सप्ताह के अंदर आयुष्मान मित्र को लगाकर परीक्षण कराकर बनवाएं। जिलाधिकारी ने संस्था संचालक को निर्देश दिए कि जो शासन द्वारा वृद्ध जनों के लिए गाइडलाइन निर्धारित की है उसी के अनुसार कार्य करें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अमित आसेरी, उप जिलाधिकारी कर्वी पूजा यादव आदि मौजूद रहे।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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