उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: मुख्यालय के तरौंहा में रामलीला महोत्सव के दूसरे दिन मनु सतरुपा, रावण जन्म, मेघनांद दिग्विजय लीला का मंचन देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
नगर के तरौंहा में आयोजित हो रहे रामलीला के दूसरे दिन कलाकारों ने मनु सतरूपा का मंचन प्रस्तुत किया। मंचन के अनुसार राजा मनु राजपाठ त्याग कर पत्नी सतरूपा के साथ एकांतवास में जाकर भगवान विष्णु की आराधना में लीन हो गए। पहले फल खाकर, फिर सिर्फ पानी और इसके बाद ओस मात्र पीकर घोर तपस्या शुरू की। तपस्या देख त्रिलोकीनाथ ने बारी-बारी से पहुंचकर उनसे वर मांगने के लिए कहा। इसके बावजूद तपस्या से नहीं उठे। आखिर ब्रहमा, विष्णु, महेश तपस्यारत मनु सतरूपा के पास गए। जब वह तपस्या से उठे तो सर्वप्रथम भगवान विष्णु को याद किया। विष्णु भगवान ने वरदान मांगने के लिए कहा। इस पर मनु ने कहा साक्षात दर्शन से सब कुछ प्राप्त हो गया। वह पुत्र के रूप में पाना चाहते हैं। इस पर भगवान ने तथास्तु कहकर सतरूपा से भी पूछा। इस पर उन्होंने पति की मंशा अनुरूप ही वरदान के लिए बोला। इसके बाद रावण जन्म का आकर्षक मंचन कलाकारों ने दिखाया। मेघनांद दिग्विजय की प्रस्तुति देख दर्शकों ने जमकर तालिया बजाई। इसके पूर्व रामलीला के आयोजक रामायण मेला के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश करवरिया, पूर्व चेयरमैन नीलम करवरिया ने पूजा अर्चना कर शुरुआत कराई। इस मौके पर प्रिंस करवरिया, दद्दू महराज, पप्पू आदि व्यवस्थाओं को संभाले रहे। रामलीला देखने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ी।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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