उत्तर प्रदेश(दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: मारपीट के मामले में दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने तीन भाईयों को 10-10 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। साथ ही दो साल की सदाचरण परिवीक्षा में रिह किया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी श्याम सुन्दर मिश्रा ने बताया कि रैपुरा थाने के देसाह गांव के निवासी गुलखई पुत्र सुकरू ने मानिकपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वादी के अनुसार बीती 24 नवम्बर 2014 की शाम पांच बजे वह अपने रिश्तेदार रूपोली निवासी हुबलाल के साथ शौंच कर घर आ रहा था। इस दौरान रास्ते में पुरानी रंजिश के चलते महेन्द्र, मथुरा, मम्मी, कल्लू पुत्रगण लखपत ने गाली-गलौच करते हुए हमला कर दिया। इस पर वह लोग भागकर अवधेश के घर में घुस गए और जान बचाई। इस दौरान उसके भाई मातादीन और बुलाकी को भी हमलावरों ने पीटा जिससे मातादीन बेहोश हो गया। हमलावरों ने घर में घुसकर बुलाकी के बेटे विशाली को भी मारा। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। न्यायालय में अब तक आरोपी महेन्द्र के उपस्थित न होने और उसके गिरफ्तार न होने के चलते पत्रावली अलग कर दी गई थी।
बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद सत्र न्यायाधीश विष्णु कुमार शर्मा ने धारा 323, 325, 308 सपठित धारा 34, 352, 452, 504, 506 के तहत दोष सिद्ध होने पर आरोपी मथुरा, कल्लू एवं मम्मी उर्फ बबली को 10-10 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया। साथ ही आरोपियों को कारावास की सजा से तुरंत दण्डित न करके दो साल की सदाचरण परिवीक्षा में शर्त के साथ रिहा किया गया। जिसके तहत दोष सिद्ध आरोपी दो वर्ष की अवधि के दौरान शान्ती कायम रखते हुए सदाचारी बने रहेंगे।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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