राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: दहेज हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने मृतका के पति को 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गोपाल दास ने बताया कि बांदा जिले के पैलानी थाने के पिपरहरी गांव के निवासी बलराम सिंह ने कर्वी कोतवाली में खोह गांव के निवासी शत्रुघन सिंह पुत्र राजू सिंह सेंगर के विरूद्ध दहेज हत्या के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी पुलिस को दी गई तहरीर में बलराम सिंह ने बताया था कि उसने अपनी पुत्री पूनम की शादी खोह निवासी शत्रुघन सिंह के साथ 2 जून 2017 को की थी। शादी में उसने हैसियत के अनुरूप दहेज भी दिया था किन्तु ससुराल पक्ष दहेज से संतुष्ट नहीं था और चार पहिया गाड़ी की मांग कर रहा था। गाड़ी की मांग को लेकर शादी के कुछ दिन बाद ही पूनम का मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न शुरू हो गया था। पूनम को लिवाने जाने के लिए खोह आने पर ससुरालीजन उसे जलाकर मार देने की धमकी भी देते थे। शादी के लगभग एक साल बाद 4 जून 2018 को दोपहर में उसके दामाद शत्रुघन ने ससुराली जनों के साथ बेटी पूनम को पीटा और जला दिया। अस्पताल में इलाज के दौरान 22/23 जून 2018 को उसकी मौत हो गई। ससुरालीजनों ने इस घटना की सूचना भी उन्हें नहीं दी थी, किन्तु अन्य लोगों द्वारा उसे यह सूचना मिली।
पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद त्वरित न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश विनीत नारायण पाण्डेय ने शुक्रवार को निर्णय सुनाया। जिसमें धारा 498ए, 304बी, 323 भा.द.सं. एवं धारा 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के तहत आरोपी शत्रुघन सिंह पुत्र राजू सिंह सेंगर पर दोष सिद्ध होने पर 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 20 हजार रुपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया गया। न्यायालय के निर्णय के बाद आरोपी को सजा भुगतने के लिए जिला कारागार भेज दिया गया।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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