चित्रकूट के प्राकृतिक सौंदर्य को बचाने और गौ संरक्षण के लिए बनाएंगे योजना – दीक्षित

राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: विश्व के कल्याण का एक मात्र माध्यम श्रीमद्भागवत है। सनातन धर्म से लोग जुड़ें। मंदाकिनी नदी व कामदगिरि पर्वत का संरक्षण हो। प्रवचन के जरिए जल संचय की भावना जन-जन तक पहुंचाना मुख्य उद्देश्य रहेगा। चित्रकूट के प्राकृतिक सौंदर्य को नष्ट न किया जाए। गौ माता को सहारा देने पर भी चर्चा करेंगें।

यह बात रविवार से प्रारंभ हो रही श्रीमद् भागवत अष्टोत्तर शत आयोजन के पूर्व भागवताचार्य नवलेश दीक्षित महराज ने पत्रकारों से रूबरू होकर कही। उन्होंने कहा कि विश्व के कल्याण का एक मात्र माध्यम श्रीमद्भागवत है। हर समस्या का समाधान इसमे है। यह व्यक्ति को जीवन जीने का सही तरीका बताती है। बताया कि श्रीमद् अष्टोत्तर शत का आयोजन चित्रकूट की धरती पर तीसरी बार कर रहे हैं। इस बार भी भव्यतम आयोजन होगा।

आयोजन की रूपरेखा बताते हुए कहा कि रविवार की सुबह आठ बजे से श्रीकामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर स्थित बरहा हनुमानजी से विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें भाग लेने के लिए श्रद्वालु आ चुके हैं। यह शोभायात्रा भगवान कामदगिरि का परिक्रमा कर जगनिवास पहुंचेगी। यहां पर श्रीरामार्चा का पूजन किया जाएगा। दोपहर के समय श्रीमद भागवत को श्रीजी होटल लाया जाएगा और मुख्य भागवत पीठ के साथ ही समस्त 108 वेदियों का पूजन होगा। सोमवार से प्रतिदिन एक बजे से श्रीमद्भागवत की तात्विक मीमांशा की जाएगी।

पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए बताया कि इस बार की कथा में वे सभी लोगों से चित्रकूट धाम के नैसर्गिक सौंदर्य को बचाने के साथ ही पावन मंदाकिनी की शुचिता से संबंधित मुद्दों को भी सामने रखेंगे। महराज ने कहा कि विश्व शांति की कामना के लिए यह आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम को सफल बनाने का काम कानपुर के ज्योर्तिविद व कर्मकांडाचार्य गौरव शुक्ल, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में संगीत विभागाध्यक्ष राजा पांडेय, कर्मकांडाचार्य विनोद शुक्ल, वृन्दावन से मूल पाठ करने के लिए चंद्रिका प्रसाद, अशोक दीक्षित, अनिल दीक्षित का योगदान रहेगा। इस दौरान आयोजन समिति के राजीव अग्रवाल, अजय अग्रवाल, स्वप्निल अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

 

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

*जनपद* चित्रकूट