जीवन में सफलता हासिल करने के लिए आवष्यक है नियमों का पालन – नवलेश

राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट। अष्टोतर शत ज्ञान यज्ञ श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन भागवतरत्न नवलेश दीक्षित ने बताया कि जीवन में कुछ प्राप्त करने के लिए नियम जरूरी है। वर्तमान में लोगों के नियम दृढ़ नहीं है। पूजा पाठ, स्नान, भोजन, शयन आदि का समय सुनिश्चित नहीं है। इसलिए पल-पल में परेशान रहते हैं।

बुधवार को सीतापुर स्थित श्रीजी भवन में चल रहे अष्टोतर शत ज्ञान यज्ञ महोत्सव के दौरान भागवत पीठ के संस्थापक अंतर्राष्ट्रीय भागवताचार्य नवलेश दीक्षित ने कहा कि चाहे भगवान का स्मरण हो या दैनिक दिनचर्या के कार्य नियमबद्ध तरीके से करना चाहिए। समग्र दुखों की जननी जीवन की उद्यखलता है। बचपन अगर सत्य से व्यतीत होगा तो जवानी शिवम व बुढ़ापा सुंदरम बीत जाएगा। जिसके पास नियम है उसके जीवन में अनेक चेतनाएं प्रकट होकर समस्याओं का समाधान करती हैं। शांति चाहिए तो एकांत रहने की आदत डालें। उन्होंने कहा कि अत्यधिक धर्म को बढ़ावा दें। यह धर्म, कर्म, सत्संग, नाम, जप, सत्कर्म ही मनुष्य के साथ जाएगा। इसके अलावा पौरुष शक्ति, संपन्नता कुछ भी साथ जाने वाला नहीं है। जिसके जीवन में ईश्वर की कृपा होती है, उसको इस संसार में असंभव भी संभव हो जाता है। भागवत प्रवक्ता ने कहा कि हर एक क्षण ईश्वर के सुमिरन में लगें। परमार्थ, यज्ञ, दान सदगुरु की शरण में बैठ कर करने से मनुष्य सद्भाग को प्राप्त करता है। श्रीमद भागवत कथा तीसरे दिन भागवताचार्य ने भागवत के प्रसंगो को विज्ञान की कसौटी में कसकर लोगों के लिए प्रेरणादायी बताया। उन्होंने भगवान भोलेनाथ के चरित्र का विस्तार किया और शिव के गुणों को आत्मसात करने की प्रेरणा दी। बहेलिया आदि कथानको के जरिए बताया कि जीवन में संकल्प का स्थान सर्वोपरि है। बताया कि चित्रकूट की धरती में विश्वयुगीन समस्याओं का समाधान होता है। रहीम दास के दोहे चित्रकूट में रम रहे रहिमन अवध नरेश जा पर विपदा परत है सोई आवत यह देश के बारे में विस्तृत चर्चा की।

कथा के पश्चात आरती कर प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर कानपुर के विद्वान ज्योतिषाचार्य गौरव शुक्ला, बांदा के वैदज्ञ विनोद शुक्ला के नेतृत्व में आए विद्वानों द्वारा श्रीमद भागवत के मूलपाठ का सस्वर गायन कर यज्ञ में आहुतियां दे रहे हैं। कार्यक्रम में यजमान बनने के लिए दिल्ली, एमपी, असम, बिहार, छत्त्तीसगढ़ आदि प्रांतो के लोग हैं। इस दौरान डा सुरेन्द्र अग्रवाल, अजय अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, विवेक अग्रवाल, महेन्द्र अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, शंकर, राजकुमार अग्रवाल, शकुन्तला, प्रभाकांत पाठक, उपेन्द्र मिश्रा, त्रिभुवन त्रिपाठी, सूर्यवंशी, राम सिंह, अरिमर्दन सिंह, अशोक शुक्ला, अनिल दीक्षित आदि श्रोतागण मौजूद रहे।

 

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

*जनपद* चित्रकूट