बालगृह के लिए सरकार को भेजे मांग पत्र – डीएम 

 

 

उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि)चित्रकूट। जिला बाल कल्याण समिति की त्रैमासिक समीक्षा बैठक जिलाधिकारी अभिषेक आनंद की अध्यक्षता में सोमवार को जिला कलेक्टरेट सभागार में हुई।

बैठक में समिति द्वारा विभिन्न प्रकार के बच्चों के संस्थाओं में आवासित कर आगे उनके पुनर्वास या माता-पिता के पास वापसी के लिए हर संभव प्रयास न किए जाने के कारण राज्य की संस्थाओं में बच्चों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। जिलधिकारी ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 के प्रारूप 16 पर मासिक एवं प्रारूप 16 ए पर दत्तक ग्रहण की मासिक रिपोर्ट पर भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मिशन वात्सल्य के एमआईएस पोर्टल पर भी डाटा फीडिंग करते रहें। उन्होंने कहा कि बाल देखरेख संस्थाओं में त्रैमासिक के अंतर्गत समिति के आदेश से निवासरत बालक-बालिकाओं की तिथि वार सूची और परिवारों में पुनर्समेकित किए गए बालकों की संख्या पर ध्यान दें। कहा कि जो बच्चे जनपद से प्रयागराज बाल संप्रेषण गृह में जाते हैं तो उनमें हुए सुधार को भी चेक करते रहें। उन्होंने कहा कि जो बच्चे आते हैं, उनका भी डाटा संकलित करें। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी से कहा कि सभी डाटा (कितने केश आये और कहां गए, कितनी उपस्थिति) है, इसका डेटा बनाकर करें। उन्होंने कहा कि जो बालिकाएं बालगृह में जा रही हैं, उनको योजनाओं का भी लाभ मिले। जिला प्रोबेशन अधिकारी से कहा कि जनपद में बालगृह के लिए सरकार मागपंत्र भेजें। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया कि जो माता-पिता नाबालिक बालक-बालिकाओं का विवाह कराते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने उपस्थित सभी सदस्यों से कहा कि जिला प्रोबेशन अधिकारी रामबाबू विश्वकर्मा से समन्वय बनाकर कार्य करें।

इस मौके पर उप निदेशक महिला कल्याण विभाग चित्रकूट धाम मंडल बांदा पुष्पेंद्र सिंह, मंडल कोऑर्डिनेट यूनिसेफ बांदा परीक्षित सेठ, जिला विकास अधिकारी राजकुमार त्रिपाठी, बाल संरक्षण अधिकारी सौरभ सिंह, बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष राकेश माथुर, उर्मिला, राजेश कुमार दुबे, विवेक कुमार शुक्ल, हिमांशु चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।