राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) उत्तर प्रदेश:चित्रकूट। किसानों के संघर्ष से ही आधुनिक भारत का निर्माण हुआ है। किसान आन्दोलन ने ही धर्म और जाति की नफरत की राजनीत को पीछे धकेलते हुए भाईचारे और जनता की एकता को मजबूत किया है। यह बात अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अशोक धवले ने उत्तर- प्रदेश किसान सभा के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण शिविर में किसान सभा आजादी के पहले और आजादी के बाद विषय पर प्रकाश डालते हुए कही।
शिविर में उन्होंने बताया कि बताया कि 1857 के आजादी के आन्दोलन में अग्रणी भूमिका राजा, महाराजाओं रानियों ने अदा की जिनमें ज्यादातर हिंदू थे। लेकिन विद्रोही सैनिकों, राजाओं ने दिल्ली जाकर अपना नेता बहादुर शाह जफर को बनाया। यानी 1857 के आन्दोलन में हिंदू मुसलमान की सांप्रदायिक भावना नहीं थी। आजादी के आन्दोलन में हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग ने कोई हिस्सा नहीं लिया था। उल्टे लोगों को बांटने का काम किया था। आजादी के बाद किसानों, मजदूरों और जनता की मांगें पूरी नहीं हुईं। जो कुछ आजादी के बाद हासिल हुआ उसे भाजपा सरकार हर हाल में मिटाने में लगी हुई है। तीन कृषि कानून खेती व राशन प्रणाली को तबाह करने के कानून थे। एकता के बल पर किसान आन्दोलन ने भाजपा सरकार को झुकाया है। जिसमें किसान सभा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। देश और किसान को बचाने के लिए मजबूती से किसान एकता के लिए किसान सभा काम कर रही है। हम जरुर सफल होंगे। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय किसान सभा एकमात्र दुनिया का सबसे बड़ा किसान संगठन है। जिसकी सदस्य संख्या 1 करोड़ 43 लाख है। अखिल भारतीय किसान सभा ने 11 अप्रैल 1936 में अपने स्थापना सम्मेलन के साथ ब्रिटिश साम्राज्यवाद से आजादी, जमींदारी व्यवस्था के खिलाफ जमीन जोतने वाले को मिले का प्रस्ताव पारित किया। इसके साथ ही किसानों के बुनियादी सवालों सूदखोरी, कर्जा माफी, फसल के वाजिब दाम, बिजली की लड़ाई को तेज करने का भी प्रस्ताव पारित किया।
प्रशिक्षण शिविर में विषय का प्रवर्तन राज्य सचिव साथी मुकुट सिंह ने किया। किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अशोक धवले और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष कॉ पी कृष्णप्रसाद का स्वागत संगठन के राज्य कार्यकारणी सदस्य रुद्र प्रसाद मिश्र व जिला अध्यक्ष चुनकूराम पाल ने किया। अध्यक्षता उत्तर प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष भारत सिंह ने की।
You must be logged in to post a comment.