*प्रबंधकों में अब सेवाभाव नहीं-शैक्षिक महासंघ*

राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि अंबेडकरनगर

अम्बेडकरनगर।उत्तर प्रदेश प्रबन्धक महासभा द्वारा अनुदानित विद्यालयों की शासकीय ग्रांट वापस लेने औरकि उन विद्यालयों में सीबीएसई स्कूल खोलने के पीछे उनकी अवैध उगाही की दबी मंशा और शिक्षकों का उत्पीड़न करने की भावना है।ये उद्गार राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अयोध्यामण्डल अध्यक्ष उदयराज मिश्र ने व्यक्त किया।श्री मिश्र गत दिवस राजधानी में कतिपय प्रबंधकों की अनुचित मांगों के बाबत मीडिया से बात कर रहे थे।

ज्ञातव्य है कि गत दिवस लखनऊ में कुछेक अशासकीय सहायताप्राप्त विद्यालयों के प्रबन्धक एक मीटिंग करके सरकार से अनुदान वापस लेने की मांग किये थे औरकि उनकी जगह पर नए सीबीएसई स्कूल खोलने की मांग किये थे।

ज्ञातव्य है कि स्वाधीनता प्राप्ति के पश्चात जिस भावना के साथ अशासकीय विद्यालय खोले गए थे,उसमें सेवा और समर्पण मूल उद्देश्य थे।किंतु अब कतिपय प्रबन्धक जब अवैध उगाही करवाने में स्वयम को लाचार पा रहे हैं तो अनुचित मांगों को लेकर मीटिंगें कर रहे हैं।श्री मिश्र ने कहा कि यद्यपि सभी प्रबन्धक स्वार्थी और अवैध उगाही में संलिप्त नहीं हैं तथापि कुछ लोगों के चक्कर में सबकी बदनामी हो रही है।

श्री मिश्र ने सरकार से मांग किया है कि चयनबोर्ड की पूर्व धारा 21 व 18 को फिरसे बहाल करते हुए प्रबन्धक महासभा की अमानवीय मांगों को सिरे से खारिज कर दे क्योंकि इनकी मांगों को मानने से गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ेगा जोकि लोकतंत्र की मूल भावना के विपरीत होगा।

रिपोर्ट विमलेश विश्वकर्मा ब्यूरो चीफ अंबेडकर नगर

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