प्रभु श्रीराम के वन गमन वाले स्थानों के चिन्हिकरण के साथ कराएंगे विकास – 26 अक्टूबर को निकलेगी यात्रा 

राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) उत्तर प्रदेश । चित्रकूट। प्रयागराज विद्वत परिषद के तत्वधान में आगामी 26 अक्टूबर को जहां-जहां चरण पड़े प्रभु श्रीराम की यात्रा संपन्न होगी। यात्रा प्रयागराज के महर्षि भरद्वाज आश्रम से सुबह 7 बजे शुरू होगी। जिसका समापन चित्रकूट के कामतानाथ में होगा।

इस यात्रा के व्यवस्था प्रमुख पूर्व आईजी उत्तर प्रदेश लालजी शुक्ला ने कहा कि श्रीराम वन गमन मार्ग पर यात्रा अविस्मरणीय होगी। यात्रा की अगवाई स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती सदस्य राम जन्मभूमि तीर्थ न्यास व अन्य साधु सन्त करेगें। यात्रा मानव जीवन के अंदर आध्यात्मिक ज्ञान व भक्ति से सराबोर होगी। सभी की सहभागिता से क्षेत्र जागृत एवं जागरूकता बढ़ेगी। जहां-जहां चरण पड़े प्रभु श्रीराम के यात्रा मार्ग का निरीक्षण व दर्शन किया गया। अभियान की शुरुआत काफी पहले हो गई थी। तत्कालीन मंडलायुक्त संजय गोयल की पहल पर क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने पर्यटन एवं संस्कृति समिति की एक उप समिति गठित की थी। इस समिति के सदस्य वीरेंद्र पाठक को उपसमिति का अध्यक्ष बनाकर प्रयागराज के महत्वपूर्ण स्थान की खोज और डॉक्यूमेंटेशन का कार्य सौंपा गया। पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन की मंशा थी कि प्रयागराज के पुरातत्व और धार्मिक महत्व के स्थान की वर्तमान स्थिति जानी जाए और उसी के अनुरूप आगे विकास कार्य किया जाए। प्रयागराज की विरासत और परंपराओं के संरक्षण संवर्धन में लगे वीरेंद्र पाठक की अगुवाई में यह डॉक्यूमेंटेशन जारी रहा। पौराणिक काल के महत्वपूर्ण स्थान का विगत दिन स्थल निरीक्षण करने के बाद भगवान राम प्रयागराज से चित्रकूट तक जिन मार्गो के जरिए गए थे, उन्हें चिन्हित किया गया। वाल्मीकि द्वारा रचित ग्रन्थों के जरिए इसकी पहचान की गई। भौगोलिक परिवर्तन के साथ नदियों ने अपना स्थान बदला, किंतु अभी भी बहुत सारे स्थान ऐसे मिले जो पौराणिक काल से मेल खाते हैं, उनमें सम्यता है। इन स्थानों को जागृत करने के लिए प्रयागराज विद्वत परिषद की बैठक में चर्चा की गई। स्वामी वासुदेवानंद महाराज सदस्य राम जन्मभूमि तीर्थ न्यास ने, राम वन गमन मार्ग पर चलने की परम्परा को विस्तार देने की इच्छा जताई। प्रयागराज के अन्य प्रमुख संत हरि चैतन्य ब्रह्मचारी टीकरमाफी, जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्रीधराचार्य महाराज वैकुंठ धाम ने भी पौराणिक काल से चली आ रही यात्रा के मार्गदर्शन की सहमति जताई।

उन्होंने बताया कि 26 अक्टूबर में होने वाली यात्रा के लिए सर्वसम्मति से पूर्व आईजी लालजी शुक्ला को व्यवस्था प्रमुख बनाया गया। इनके नेतृत्व में गत दिवस एक दल यात्रा मार्ग और पड़ाव पर जाकर लोगों से मिला। महर्षि भरद्वाज आश्रम से यात्रा की शुरुआत होगी। यमुनापार होते हुए चित्रकूट तक जाएगी। चित्रकूट में ऋषियन होते हुए मऊ से बाल्मीकि आश्रम लालापुर होते हुए कामदगिरि पर पूजन के बाद विश्राम लेगी। मऊ में विधायक अविनाश चन्द्र द्विवेदी के आवास पर स्वातगत किया गया।

इस मौके पर प्रयागराज विद्वत् परिषद के समन्वयक वीरेन्द्र पाठक, डाॅ. प्रमोद शुक्ला, रघुनाथ द्विवेदी, आशुतोष शुक्ला, दिलीप उपाध्याय, इन्द्रेश व अवधेश द्विवेदी आदि मौजूद रहे।