हत्यारोपी को भगाने के आरोपी अधिवक्ता जमानत पर रिहा

उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि )जौनपुर

जौनपुर। दीवानी न्यायालय से हत्यारोपी को साजिश कर फरार करने के मामले में अधिवक्ता कृष्ण मोहन यादव को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।अधिवक्ता को पुलिस ने मंगलवार रात 12:30 बजे घर से उठाया था तथा चालान बुधवार को 3:15 बजे कोर्ट में लाई गई। वकीलों से कोई विवाद न होने पाए इस वजह से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अधिवक्ता को लाया गया था।जमानत पर सुनवाई के दौरान भी अदालत खचाखच भरी हुई थी।सुबह से ही अंबेडकर तिराहा से लेकर दीवानी न्यायालय के हर गेट पर काफी संख्या में पुलिस बल तैनात था तथा परिसर में प्रवेश करने वाले लोगों की तलाशी ली जा रही थी।

बुधवार को दीवानी न्यायालय से अधिवक्ता पुलिस विवाद का फायदा उठाकर हत्या का आरोपी अनिल गौड़ गेट नंबर 3 से फरार हो गया था। पुलिसकर्मी शेषनाथ यादव ने हत्यारोपी अनिल गौड़,कृष्ण मोहन यादव एडवोकेट एवं राजनाथ यादव एडवोकेट के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराया था कि आरोपी अनिल व अन्य आरोपी उसके व अन्य पुलिसकर्मियों के साथ कोर्ट से पेशी के बाद लॉकअप के लिए ले जाया जा रहा था।नई बिल्डिंग के पास अधिवक्ताओं द्वारा आरोपियों को चाय पान खिलाने की बात कहने पर उसने मना किया जिस पर अधिवक्ता उसे मारे पीते, गालियां देते हुए अभद्रता किए।कांस्टेबल अवधेश सिंह किसी प्रकार आरोपियों को हथकड़ी की रस्सी पकड़कर अपने कब्जे में रखा था लेकिन अनिल गौड़ झगड़े का फायदा उठाकर हिरासत से भाग गया।शेषनाथ ने आरोप लगाया कि अधिवक्ताओं ने साजिश करके लड़ाई झगड़ा कर आरोपी को फरार कराया है जबकि अधिवक्ताओं का कहना था कि पुलिसकर्मी ने वकीलों से विवाद किया तथा स्वयं सारा नाटक रच कर आरोपी को भगा दिया इसीलिए एक भी पुलिसकर्मी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई न तो शेषनाथ,न ही उसके साथ के पुलिसकर्मी और न ही गेट नंबर 3 पर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही हुई।पुलिस प्रशासन ने अपने विभाग के लोगों को बचाने के लिए अधिवक्ताओं पर झूठा आरोप मढ़ दिया। आरोपी का अभी तक कोई पता नहीं है।

रिपोर्ट ‌अभिषेक शुक्ला