उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) बिजनौर बताया जा रहा है। कि त्रिलोक सिंह पुत्र फूल सिंह आयु लगभग 35 वर्ष जो (जाती अनुसूचित चमार) आते है। नागरपुर खड़क सैन हरेवली थाना शेरकोट जनपद बिजनौर उत्तर प्रदेश के निवासी है जिसका कहना है कि वह सन् 2018 से दैनिक अखबारों व वेब पोर्टल चैनल के माध्यम से निष्पक्ष पत्रकारिता करते चलें आ रहे हैं। उन्होंने अपने बीते कार्यकाल शुरुआती दौर से ही खनन माफियाओं व प्रतिबंधित पेड़ों के कटान व अवैध वसूली सरकारी भूमि पर अवैध कब्जें जैसे काले कारनामों को उजागर करनें हेतु लिखते चलेगा रहे हैं। जिसमें समय-समय पर आला अधिकारियों ने एक्शन ले अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी की है। जिससे बौखलाए अपराधियों एंव किस्म के लोगों ने बदले की भावना रखते हुए पत्रकार त्रिलोक सिंह पर पुलिस से साठ गांठ कर व राजनीतिक का दबाव बनाकर झूठे मुकदमें करानें की साजिश की और कई मुकदमे थाना शेरकोट के द्वारा कराए गए । जब जब त्रिलोक सिंह ने उक्त मुकदमों की सच्चाई तत्कालीन रहे पुलिस वरिष्ठ अधिकारियों को बताकर निष्पक्ष जांच करानी चाहिए तो पुलिस राजनीतिक दबाव में आकर प्रार्थी त्रिलोक सिंह को गुमराह कर टाल दिया गया व थाना शेरकोट जनपद (बिजनौर) का हिस्ट्रीशीटर बना दिया गया। बात यही नहीं रुकती आगे त्रिलोक सिंह एक और नई घटना के बारे में बताते हैं कि थाना शेरकोट क्षेत्र में 23 मई 2024 को जेसीबी मशीन की मदद से लगभग 15 से 20 फीट की गहराई तक मिट्टी खुदाई कर अवैध खनन हो रहा था जिसकी सूचना पाकर मौके पर पहुंच कर जेसीब मशीन मदद से चल रहें। मिट्टी के अवैध खनन की वीडियो कवरेज करनी चाहि तो खनन माफियाओं के द्वारा उनके साथ धक्का मुक्की कर व भद्दी भद्दी गाली गलौज करते हुए। उनके हाथ से मोबाइल छीन लिया और कानूनी कार्रवाई करने पर जान से मारने की धमकी दी इस घटना की सूचना शेरकोट थानाध्यक्ष को तत्काल कॉल कर व थाने पर प्रार्थना पत्र देकर जानकारी दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई । थानाध्यक्ष द्वारा थाने पर बुलाकर जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल कर खनन माफियाओं के हौसलाअफजाई करते हुए उनके सामने अपमानित किया गया। लेकिन शेरकोट पुलिस द्वारा आरोपीयों के खिलाफ कार्रवाई नही हुई। पीड़ित पत्रकार ने उक्त घटना से सम्बंधित दिनांक 05/06/2024 को एक प्रार्थना पत्र पुलिस अधीक्षक महोदय के समक्ष पेश होकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हेतू दिया। जिसमें पुलिस अधीक्षक महोदय बिजनौर के द्वारा उक्त मामलें की जांच अपर पुलिस अधीक्षक (पुर्वी) को सौंप दीं लेकिन आरोपियो के खिलाफ पुख्ता सबूत व गवाह होने के बाद भी किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नही हुई। तंग आकर पीड़ित पत्रकार ने न्याय पाने के लिए धरना प्रदर्शन व कई दिनों तक भूख हड़ताल भी की। उसके बाद भी स्थानीय पुलिस ने पीड़ित पत्रकार की सुध लेना अच्छा नही समझा। जिसकी जानकारी मिलने के बाद क्षेत्राधिकार पुलिस अफजलगढ़ महोदया ने जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया लेकिन समय बीतता गया और आरोपियो के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नही हुई। दिनांक 25/07/2024 को पीड़ित त्रिलोक सिंह के द्वारा महामहिम राष्ट्रीयपति महोदया नई दिल्ली (भारत) एक पत्र लिख व इस्पीट पोस्ट कर इच्छा मृत्यु की मांग की है। और कहा कि मैं महामहिम राष्ट्रपति महोदय जी से गुहार लगता हूं कि मुझ पर किए गए मुकदमों की निष्पक्ष जांच की जाए दोषी पाए जाने पर कठोर से कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए या दोष मुक्त किया जाए अन्यथा इच्छा मृत्यु देकर मुझ पर असीम अनुकंपा की जाए ।
रिपोर्टर रविंद्र कुमार बिजनौर
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